डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र ने कहाहै कि भारत ने आबादी में चीन को पीछे छोड़ दिया है. भारत की आबादी अब 142.86 करोड़ हो गई है, वहीं चीन की आबादी अब 142.57 करोड़ पर ठहरी हुई है. भारत चीन के जनसंख्या में पर्याप्त आगे निकल चुका है. संयुक्त राष्ट्र साल 1950 से ही दुनिया की आबादी से जुड़े आंकड़े जारी करता रहा है.
1950 से लेकर अब तक चीन दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश था. 6 दशक में पहली बार है जब भारत ने चीन को आबादी में पीछे छोड़ दिया है. आइए जानते हैं कि कैसे चीन की आबादी नियंत्रित रही और भारत में जनसंख्या बेलगाम रफ्तार से आगे बढ़ रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते साल चीन की आबादी अपने पीक पर थी, जिसके बाद इसमें 8.5 लाख की गिरावट आई है. इसके उलट पिछले एक साल में भारत की आबादी में 1.56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
इसे भी पढ़ें- 'अगर साबित हुई बात तो दे दूंगी इस्तीफा,' शुभेंदु अधिकारी के किस दावे पर भड़की हैं ममता बनर्जी?
भारत में क्यों लगातार बढ़ रही है आबादी?
यह भी समझना जरूरी है कि जनसंख्या वृद्धि की वजह केवल जन्म दर में वृद्धि नहीं है बल्कि मृत्यु दर में कमी भी इसकी एक वजह है. अगर एक दिन में 100 बच्चे पैदा होते हैं और 80 लोग मर जाते हैं, तो जनसंख्या बढ़ जाती है.
जनसंख्या दर की एक और वजह यह भी है कि चीन के मुकाबले भारत में मृत्यु दर कम है. साल 1950 में भारत में मृत्यु दर 28 प्रति 1000 व्यक्ति थी. यानी हर साल 1000 में से 28 लोगों की मौत हो जाती है, जो अब घटकर प्रति 1000 लोगों पर 7.4 रह गया है. चीन में 1950 में मृत्यु दर 23 थी जो अब घटकर 7.37 रह गई है.
भारत और चीन में क्या है जन्मदर?
भारत में शिशु जन्मदर, दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में कहीं अधिक है. साल 1950 में भारत में प्रजनन दर 5.9 थी, अब अब यह घटकर 2.13 रह गई है. 1950 में, चीन में प्रजनन दर 5.81 थी, जो लगभग भारत के बराबर थी. लेकिन अब चीन में प्रजनन दर 1.7 रह गई है.
इसे भी पढ़ें- Delhi-NCR में लू के थपेड़ों से मिलेगी राहत, कुछ राज्यों में होगी झमाझम बारिश, जानिए मौसम का हाल
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि भारत में ज्यादा बच्चे पैदा होने की वजह से हम दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश नहीं बन गए हैं. बल्कि इसका मुख्य कारण यह है कि चीन में कम बच्चे पैदा हो रहे हैं. इसके लिए काफी हद तक चीन की एक बच्चे की नीति जिम्मेदार है.
इस वजह से भी चीन जनंख्या में छूटा पीछे
जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए चीन ने 1979 में यह नीति लागू की, जिसके तहत एक से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक लगा दी गई. चीन ने 2016 में इस नीति को खत्म कर दो बच्चों की नीति लागू की थी. जानकारों के मुताबिक चीन की एक बच्चे की नीति की वजह से करीब 40 करोड़ बच्चे पैदा नहीं हो सके.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.