INS Jatayu क्यों भारत के लिए है अहम, Lakshadweep में कैसे मजबूत होगी नौसेना?

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Mar 01, 2024, 09:24 AM IST

INS Jatayu बेस समुद्र में बढ़ाएगा नौसेना की ताकत.

INS Jatayu की वजह से Lakshadweep में भारत की स्थिति मजबूत होगी. यहां MH-60 रोमियो मल्टिरोल कॉपर नौसेना के लिए बाज की तरह निगरानी करेंगे.

INS Jatayu: हिंद महासागर में भारत विरोधियों से निपटने के लिए अपनी नौसेना (Indian Navy) को मजबूत कर रहा है. अब भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के मिनिकॉय आइलैंड (Minicoy Islands) में एक नया बेस आईएनएस जटायू (INS Jatayu) बना रहा है. 

भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) और आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) समेत कई विमान वाहकों की मौजूदगी की वजह से इस एयरबेस को नई दिशा मिलने वाली है.

क्या है INS जटायु का मकसद?
इस बेस पर फाइटर जेट्स और भारी विमानों के संचालन अब आसान होंगे. भारत की नजर मालदीव और चीन की हरकतों पर 24 घंटे रहेगी.


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नौसेना के मल्टीरोल हेलीकॉप्टर, एक विमानवाहक पोत से दूसरे पर उड़ाने भरेंगे, कई दूसरे ऑपरेशन करेंगे. नौसेना अगले सप्ताह कोच्चि में मल्टीरोल हेलीकॉप्टर एमएच-60 रोमियो की शुरुआत करेगी.

क्या होगा MH-60 का रोल?
इस अभ्यास के दौरान एक INS से मल्टीरोल हेलीकॉप्टर दूसरे INS पर लैंड करेंगे. यहां कई सबमरीन की भी तैनाती होगी. इसे रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माना जा रहा है.


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भारतीय नौसेना अगले सप्ताह में कोच्चि में मल्टीरोल हेलीकॉप्टर एमएच -60 रोमियो को औपचारिक रूप से कमीशन करने जा रही है.

कैसे बढ़ेगी नौसेना की समुद्री ताकत?
मिनिकॉय पर नया एयरस्ट्रिप बनेगा. अगाती आइलैंड की एयरस्ट्रिप की अपग्रेडेशन चल रही है. हिंद महासागर और अरब महासागर में जरूरत पड़ने पर भारतीय नौसेना मजबूत स्थिति में रहेगी.

भारत के इस कदम की वजह से द्वीपीय इलाके बेहद सुरक्षित होंगे. अंडमान और निकोबार आइलैंड के कैंपबेल खाड़ी तक भारत हर कदम पर बेहद मजबूत होगा. यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने वाला है.


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मिनीकॉय द्वीप समूह में नौसेना अपने विमानों का विस्तार भी करने वाली है. इसके जरिए विरोधी देशों पर नजर रखी जाएगी. यहां से मालदीव महज 50 मील की दूरी पर है.

बेस अंडमान के INS अरब सागर पर नजर रखेंगे. भारतीय नौसेना को MH-60 रोमियो मल्टीरोल चॉपर्स मिलने वाले हैं, जो नौसेना की स्थिति और मजबूत करेंगे.

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