डीएनए हिंदी: INS Vindhyagiri Latest News- हिंद महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती के बीच गुरुवार का दिन भारतीय नेवी के लिए बेहद खास रहा. भारतीय सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नेवी के नए स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस विंध्यागिरी (INS Vindhyagiri) को लॉन्च कर दिया. राष्ट्रपति ने इसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में पानी के अंदर लॉन्च किया. स्वदेशी तकनीक से प्रोजेक्ट 17A प्रोग्राम (Project 17A Program) के तहत बने इस युद्धपोत से भारतीय नेवी की ताकत में और ज्यादा इजाफा होने जा रहा है.
आइए 10 पॉइंट्स में आपको इस जहाज की खासियत बताते हैं.
1. कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला पर रखा गया है नाम
प्रोजेक्ट 17A के तहत पहले लॉन्च हो चुके INS Nilgiri, INS Udaygiri, INS Himgiri, INS Taragiri और INS Dunagiri की तरह INS विंध्यागिरी का नाम भी कर्नाटक की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है.
2. प्रोजेक्ट 17A के तहत छठा जहाज
यह प्रोजेक्ट 17A के तहत बन रहे सात जहाजों में से छठा जहाज है, जिसमें स्टील्थ टेक्नीक के अलावा एडवांस हथियार और रडार सिस्टम की सुविधा है. इससे पहले पांच जहाज MDL & GRSE की तरफ से 2019 से 2022 के बीच लॉन्च किए जा चुके हैं.
3. नेवी के पुराने विंध्यागिरी जहाज को श्रद्धांजलि भी है ये युद्धपोत
तकनीकी तौर पर बेहद एडवांस्ड फ्रिगेट INS विंध्यागिरी के जरिये भारतीय नेवी ने अपने पुराने INS विंध्यागिरी को श्रद्धांजलि भी दी है. पुराना विंध्यागिरी लिएंडर क्लास का ASW फ्रिगेट था, जिसने जुलाई 1981 से जून 2012 तक भारतीय नेवी में सेवा दी थी. अपनी 31 साल की सेवा में पुराने विंध्यागिरीन ने कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन किए थे.
4. स्टील्थ गाइडेड मिसाइल वाला लॉन्ग रेंज युद्धपोत
नीलगिरी क्लास का स्टील्थ गाइडेड मिसाइल टेक्नोलॉजी से लैस INS विंध्यागिरी एक लॉन्ग रेंज युद्धपोत है. यह प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का फॉलोऑन है, जो करीब 52 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से 4600 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है.
5. बराक मिसाइल और ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम
INS विंध्यागिरी में इस्राइल से मिला बराक मिसाइल सिस्टम है, जो लेजर गाइडेड अटैक करता है. साथ ही इसे दुनिया भर में धूम मचा चुकी स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल से भी लैस किया गया है. इसमें इमरजेंसी में बचाव करने या हमला करने के लिए दो बोट्स हैं. एडवांस्ड हथियार और सेंसर के अलावा इसमें प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम भी है.
6. एडवांस्ड रडार सिस्टम और एंटी सबमरीन वेपन टेक्नोलॉजी
INS विंध्यागिरी को एडवांस्ड रडार सिस्टम से लैस किया गया है. साथ ही इसमें एंटी सबमरीन वेपन टेक्नोलॉजी भी दी गई है, जिससे हिंद महासागर में घूमने वाली चीनी सबमरीन्स के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
7. छह हजार टन हथियार के साथ कर सकता है सफर
यह एडवांस्ड युद्धपोत अपने 6 हजार 670 टन हथियार के साथ ही दूसरा सामान लेकर भी सफर कर सकता है. करीब 150 मीटर लंबा और 37 मीटर ऊंचा ये जंगी जहाज समंदर में विशालकाय रूप से बेहद खौफनाक दिखाई देगा.
8. भारतीय नेवी का इन-हाउस डिजाइन, 75 फीसदी स्वदेशी
प्रोजेक्ट 17A के तहत बन रहे जहाजों का डिजाइन इंडियन नेवी वारशिप डिजाइन ब्यूरो तैयार कर रहा है. इस इन-हाउस डिजाइन को स्वदेशी ही बनाए रखने के लिए इन जहाजों के 75 फीसदी सिस्टम और उपकरण स्वदेशी फर्मों से ही तैयार कराए गए हैं. इसके चलते यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का उत्कृष्ट नमूना है.
9. चीन-पाकिस्तान की हर चाल को मात देने में माहिर
INS विंध्यागिरी की खूबियां उसे चीन और पाकिस्तान की हर नापाक चाल को मात देने में माहिर बना रही हैं. अभी प्रोजेक्ट 17A के तहत एक और जहाज मिलना बाकी है. इस प्रोजेक्ट के ये 7 जहाज भारतीय समुद्र को बेहद सुरक्षित बनाने में सक्षम हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत 4 जहाज मझगांव डॉकयार्ड में बने हैं, जबकि तीन जहाज मेसर्स जीआरएसई ने बनाए हैं.
10. चार साल में 6 जहाज से दिख रही भारतीय नेवी की निर्माण क्षमता
INS विंध्यागिरी की लॉन्चिंग के साथ ही भारतीय नेवी पिछले 4 साल के दौरान अब प्रोजेक्ट 17A के तहत छह जहाज लॉन्च कर चुकी है, जो भारतीय नेवी के निर्माण में आत्मनिर्भर होने की दिशा में अविश्वसनीय प्रगति का प्रमाण है. नया आईएनएस विंध्यगिरी स्वदेशी डिफेंस क्षमताओं के भविष्य को दर्शाता है. इसके साथ ही भारत की नौसेना के समृद्ध विरासत का प्रतीक भी है.
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