Ebrahim Raisi Death: इस खास कारण से काली पगड़ी पहनते थे ईरान के राष्ट्रपति रईसी

Written By कुलदीप पंवार | Updated: May 20, 2024, 11:06 PM IST

Ebrahim Raisi Death: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी हमेशा काली पगड़ी और काले कपड़े पहनकर ही दिखाई देते थे. इस ड्रेस को पहनने का कारण उनकी एजुकेशन से जुड़ा हुआ है.

Ebrahim Raisi Death: ईरान के 8वें राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) का निधन हो गया है. रईसी का हेलिकॉप्टर रविवार को पूर्वी अजरबैजान से सटी जोल्फा की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था. खराब मौसम के कारण हुए हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के करीब 16 घंटे बाद हेलिकॉप्टर का मलबा सोमवार सुबह मिला है, जिसके बाद ईरान ने अपने राष्ट्रपति की मौत की घोषणा कर दी है. अमेरिका को धमकियां देकर और परमाणु समझौता तोड़कर पूरी दुनिया में चर्चित हो गई रईसी अपनी वेशभूषा के कारण भी चर्चा में रहते थे. जहां एकतरफ खाड़ी देशों के शीर्ष लोग अधिकतर सफेद चोगे में दिखाई देते हैं, वहीं इसके उलट रईसी हमेशा काली पगड़ी के साथ काला चोगा पहनकर सार्वजनिक जगहों पर पहुंचते थे. उनके यह ड्रेस पहनने का एक खास कारण था, जो उनकी एजुकेशन से जुड़ा हुआ है. चलिए हम आपको ये कारण बताते हैं.


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अयातुल्लाह डिग्री हासिल कर रखी थी रईसी ने

इब्राहिम रईसी धार्मिक बैकग्राउंड वाले कट्टरपंथी नेता थे. वे पढ़ेलिखे नेता थे, जिनके पास अयातुल्लाह डिग्री थी. अयातुल्लाह (Ayatollah) की डिग्री शिया मुस्लिम समुदाय की धार्मिक पढ़ाई में पोस्ट डॉक्टरेट के बराबर मानी जाती है. इस डिग्री को पाने के लिए धार्मिक शिक्षा के साथ ही अन्य धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन, धार्मिक नियमों की पढ़ाई के साथ ही किसी विषय में खास योग्यता स्तर हासिल करना पढ़ता है. अयातुल्लाह डिग्री के साथ ईरान के राष्ट्रपति बनने वाले रईसी पहले नेता थे.


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अयातुल्लाह डिग्री के कारण पहनते थे काली पगड़ी

अयातुल्लाह डिग्री के कारण ही रईसी काली पगड़ी और काला चोगा पहनते थे. दरअसल अयातुल्लाह की डिग्री पाने वालों के लिए काली और सफेद रंग का ड्रेस कोड होता है. ईरान में जो लोग इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के परिवार से संबंध रखते हैं, वे काली पगड़ी और काला लबादा पहनते हैं. बाकी सभी लोग सफेद पगड़ी और सफेद लबादा पहनते हैं. रईसी का संबंध पैगंबर मोहम्मद के परिवार से होने के कारण ही वे काली पगड़ी और काला लबादा पहनते थे.


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मस्जिद के इमाम से देश के राष्ट्रपति पद तक

इब्राहिम रईसी ईरान का 8वां राष्ट्रपति बनने से पहले मशहद में इमाम रजा की मस्जिद के इमाम रह चुके थे. मशहद को शिया समुदाय के पवित्र शहरों में गिना जाता है. 1960 में मशहद में ही जन्मे रईसी ने वकालत की भी डिग्री ली थी. 20 साल की उम्र में वे मशहद के महाअभियोजक बन गए थे. इसके बाद वे 1989 से 1994 तक तेहरान के महाअभियोजक रहे थे. साल 2014 में ईरान का महा अभियोजक बनने के बाद रईसी जून, 2021 में ईरान के राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीते थे. 

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