इजरायल हमास वॉर के 14 दिन पूरे, अब तक क्या-क्या हुआ?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 20, 2023, 03:34 PM IST

इजरायल और हमास के बीच जारी है जंग.

इजरायल और हमास की जंग भयावह होती जा रही है. गाजा पट्टी में भीषण तबाही मची है. लोग पलायन को मजबूर हैं. पढ़ें मेघा कुमारी की रिपोर्ट.

डीएनए हिंदी: इजरायल हमास युद्ध को अब 14 दिन पूरे हो चुके हैं. 7 अक्टूबर से चल रहे इस खूनी जंग में न जाने कितने मासूमों की जान गई, कितने लोग अपने परिवार से बिछड़े, कितने घर बर्बाद हो गए, करोड़ो रुपयों का नुकसान हो गया. हर दिन दो देश बस अपने यहां तबाही ही देख रहे हैं. इजरायल हमास युद्ध में अब तक 4,500 लोगों की मौत हो चुकी हैं.

गाजा में 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत और 12,500 लोग जख्मी हैं. वहीं, करीब 1200 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. 10 लाख से ज्यादा फिलिस्तिनियों ने अपना घर छोड़ दिया है. गाजा के अस्पताल पर हवाई हमले के बाद 500 लोगों के मारे जाने की खबर है. गाजा की 22 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं 

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कब शुरू हुआ युद्ध और अब तक क्या-क्या हुआ?
7 अक्टूबर की सुबह 6.35 मिनट पर हमास की ओर से इजरायल पर अचानक रॉकेट हमले शुरू हुए. 5000 से ज्यादा रॉकेट्स दागे गए. इजरायल जब तक संभल पाता तब तक करीब 1,300 लोग मार दिये गए. इसे हमास ने ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड का नाम दिया. 8 अक्‍टूबर से इजरायल ने हमास के खिलाफ जंगी अभियान शुरू कर दिया. हमास के खिलाफ इजरायली सैन्‍य अभियान को ऑपरेशन ऑयरन ऑफ स्वॉर्ड का नाम दिया गया.

-9 अक्‍टूबर को ईरान समर्थित लेबनान का शिया आतंकी संगठन हिजबुल्‍ला ने उत्‍तरी इजरायल पर हमला किया. इन सबके बीच इजरायल के रक्षामंत्री ने गाजा को बिजली, खाना-पीना और फ्यूल देने से मना कर दिया. तीन दिनों में गाजा युद्ध भूमि में बदल चुका था. 10 अक्‍टूबर से गाजा की तबाही की तस्‍वीरें आने लगीं. पूरे गाजा पर इजरायली वायुसेना ने हमले तेज करने शुरू कर दिए.  

-11 अक्‍टूबर तक इजरायल से फ्यूल सप्‍लाई न होने के कारण गाजा के पावर प्‍लांट ने काम करना बंद कर दिया. और इसके बाद ही इजरायली लड़ाकू विमानों ने गाजा की इस्‍लामिक यूनिवर्सिटी को ढहा दिया.  

-12 अक्‍टूबर तक इजरायल ने हमास के आतंकियों पर हमला कर उनका एनकाउंटर किया. गाजा के कई बस्तियों में हमास के आतंकी छुपे हुए थे, जिन्‍हें ढूंढ ढूंढ कर मारा गया. इस ऑपरेशन में करीब 1500 आतंकी मारे गए. 

-13 अक्‍टूबर को इजरायल ने हमास के खिलाफ अपना अभियान तेज करते हुए उत्‍तरी गाजा में रह रहे लोगों को 24 घंटे का अल्‍टीमेटम जारी करते हुए दक्षिण गाजा की ओर चले जाने को कहा.  

-14 अक्‍टूबर को इजरायली सेना से रजिस्‍टर्ड करीब तीन लाख 60 हजार रिजर्व सैनिकों ने मोर्चे पर जाने के लिए कूच किया. 

-15 और 16 अक्‍टूबर को अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्‍टेट्स एंटनी ब्लिंकन ने ईजीप्ट, जॉर्डन की यात्रा की. जबकि, दूसरी ओर ईरान के विदेश मंत्री कतर पहुंचे और वहां हमास की लीडरशिप से भी मिले.  

-17 अक्टूबर को उत्‍तरी गाजा के अल अहली अस्‍पताल पर रात में अचानक हुए हमले में करीब 500 लोगों की जान चली गई. इस हमले की निंदा दुनियाभर में हुई.

-18 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पीएम नेतन्याहू से मिलकर इजरायल से समर्थन में अपना स्टेटमेंट दिया और गाजा अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की. 

-19 अक्टूबर को जो बाइडेन के बाद ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भी इजरायल का दौरा किया और इजरायल और इजरायली लोगों को अपना पूरा समर्थन देते हुए बयान दिया. 

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क्या है इजरायल हमास के बीच लड़ाई की वजह?
इजरायल, हमास और फिलिस्तीन. इस लड़ाई में प्रमुख तौर पर यही तीन स्टेक होल्डर हैं. साल 1987 में हुए जन आंदोलन में शेख अहम यासीन ने हमास संगठन की नींव रखी थी. तब से हमास फिलिस्तीनी इलाकों से इजरायल को हटाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है. हमास को गाजा पट्टी से ऑपरेट किया जाता है. इजरायल को बतौर देश हमास मान्यता नहीं देता है और इस पूरे इलाके में एक इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना चाहता है.

युद्ध में इजरायल के साथ कौन से देश? 
कई देश इजरायल के सपोर्ट में उतरे हैं. इजरायल के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि लगभग 84 देशों ने इजरायल का समर्थन किया है. इन देशों में भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, पेंटागन, ऑस्ट्रिया,नॉर्वे, कनाडा, पोलैंड, स्पेन और यूरोपीय संघ सहित कई अन्य देश शामिल हैं. 

हमास के समर्थन में कौन से देश हैं? 
चरमपंथी संगठन हमास के समर्थन में भी कई देश सामने आए हैं. ईरान, यमन और कतर ये तीनों देश हमास के सपोर्ट में खुलकर सामने आए हैं. इन देशों ने हमास के हमलों को सही ठहराया है, साथ ही ये भी कहा है कि फिलिस्तीनी लोगों के साथ बढ़ती हिंसा के लिए केवल इजरायल जिम्मेदार है. फंडिंग की बात करें तो ईरान इस वक्‍त हमास का सबसे बड़ा मददगार है, जिस पर हर साल करीब 100 मिलियन डॉलर की मदद करने के आरोप लगते हैं.

युद्ध पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने क्या कहा?
जैसे ही युद्ध की शुरूआत हुई थी, इसपर नेतन्याहू का बयान सामने आया था, उन्होंने कहा था कि 'लड़ाई हमास ने शुरू की, खत्म हम करेंगे'. इतना ही नहीं, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा सीमा पर फ्रंट लाइन का दौरा कर इजरायली सैनिकों का मनोबल बढ़ाया.

मारे जा रहे हैं निर्दोष लोग
7 अक्टूबर को चल रही इस लड़ाई में अब तक सिर्फ तबाही दी देखने को मिली है. इस जंग का कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है. इजरायल हमास युद्ध में विजेता कोई भी हो लेकिन हार वहां रह रहे आम लोगों की ही है.

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