डीएनए हिंदी: गाजा पट्टी के अल-अहली हॉस्पिटल में हुए हमले में 500 से ज्यादा लोगों ने जान गंवा दी है. हमास ने आरोप लगाया है कि यह हमला इजरायल ने किया है. इजरायल का कहना है कि यह हमला, फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद ने किया है. इजरायल ने हमले के लिए हमास को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. इजरायल और इस्लामिक जिहाद, दोनों पर लोग आरोप लगा रहे हैं. इस घटना ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है. जिस अस्पताल में हजारों लोगों का इलाज चल रहा था, उसी पर हुए रॉकेट अटैक ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया है.
मुस्लिम बाहुल देशों में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ है. इजरायल और फिलिस्तीन के इस हमले की वैश्विक तौर पर निंदा हुई है. हर तरफ से अलग-अलग दुष्प्रचार किया जा रहा है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि हमले के लिए जिम्मेदार कौन है. इजरायल, हमास से ज्यादा गुनहगार इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार मान रहा है. आइए जानते हैं इसकी वजह क्या है.
क्यों हमास से बड़ा खतरा है इस्लामिक जिहाद?
इजरायल ने फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) को हमास से बड़ा खतरा माना है. इस्लामिक जिहाद के पास कई देशों का बैकअप है. इजरायल का मानना है कि इस पर हुए हमले के लिए इस्लामिक जिहाद जिम्मेदार है. इस्लामिक जिहाद के साथ ईरान बेहद मजबूती के साथ खड़ा है. ईरान की वजह से इस्लामिक जिहाद, हमास से ज्यादा ताकतवर हो सकता है. इसका रुक बेहद कट्टरपंथी है, जिसके खतरे भयावह हैं.
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फिलिस्तीनियों का तर्क है कि फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल का कब्जा ही संघर्ष का मूल कारण है. इस्लामिक जिहाद जैसे संगठन इजरायली कब्जे और आक्रामकता के खिलाफ प्रतिरोध के बड़े आंदोलन बन गए हैं. दुनिया उम्मीद कर रही है कि हमास और इजरायल के बीच छिड़ी जंग थमेगी लेकिन इस्लामिक जिहाद ने मुश्किल बना दिया है.
इस्लामिक जिहाद, हमास से ज्यादा खतरनाक
इजरायली अधिकारियों का कहना है कि इस हमले के पीछे इस्लामिक जिहाद जिम्मेदार है. इस्लामिक जिहाद अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अपने हमले को सही ठहराना चाहता है. इजरायल भी यही मानता है. इज़रायली सेना ने इस्लामिक जिहाद पर उंगली उठाई है. इजरायल का कहना है कि इस तबाही के लिए मिसफायर रॉकेट जिम्मेदार है.
हमास-नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजरायल पर अल-अहली अरबी बैपटिस्ट अस्पताल पर बमबारी करने का आरोप लगाया. इजरायली सेना ने वीडियो फुटेज और सैटेलाइट इमेज के जरिए इस्लामिक संगठन को जिम्मेदार ठहराया. इजरायल का कहना है कि इजरायली हवाई हमले अस्पातल पर नहीं हो सकते हैं.
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फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने कहा है कि इजरायल का लक्ष्य झूठ गढ़कर और फिलिस्तीन में इस्लामिक जिहाद आंदोलन पर दोष मढ़कर दुनिया के सवालों से बचना है. हमास ने भी अस्पताल विस्फोट के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हमास नेता इस्माइल हानियेह ने अप्रत्याशित रूप से अमेरिका पर उंगली उठाई है. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की ने इजरायल को ही जिम्मेदार ठहराया है.
हमास नहीं इस्लामिक जिहाद क्यों गुनहगार?
इजरायल ने कहा है कि हमने हमला नहीं किया है, इस्लामिक जिहाद ने कहा है. इस्लामिक जिहाद का रॉकेट मिसफायर हुआ और अस्पताल पर जा गिरा. ये रॉकेट हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने दागे थे.
अस्पताल के नजदीक धमाका हुआ यही वजह है कि लोग मारे गए. इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इस बात पर जोर दिया कि विस्फोट के समय क्षेत्र में कोई हवाई, जमीनी या नौसैनिक हमला नहीं हुआ था. इजरायली राडार ने आउटगोइंग रॉकेट फायर का पता लगाया. इंटरसेप्ट रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक जिहाद ने रॉकेट दागे थे.
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इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मौतों के लिए गाजा में बर्बर आतंकवादियों की निंदा की. उन्होंने खुद सफाई दी कि गाजा अस्पताल पर हमला आईडीएफ का काम नहीं था. नेतन्याहू के वरिष्ठ सलाहकार मार्क रेगेव ने सबूत भी दिखाए.
रूस ने मांगा सैटेलाइट इमेज
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने इजराइली सेना से सेटेलाइट इमेज मांगा है. रूस इस हमले में फिलिस्तीन के साथ खड़ा नजर आ रहा है.
क्या है इस्लामिक जिहाद?
इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग में इस्लामिक जिहाद भी सक्रिय रूप से लड़ाई लड़ रहा है. हमास ने इस्लामिक जिहाद पर जंग के लिए दबाव बनाया है. दोनों संगठनों ने मिलकर 7 अक्टूबर को हुए हमले को जिम्मेदार ठहराया है. इस्लामिक जिहाद ने अमेरिकी विदेश विभाग को आतंकवादी संगठन के तौर पर लिस्टेड किया है. फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, इजरायल के अस्तित्व का पुरजोर विरोध करता है.
1970 के दशक के अंत में फथी शिकाकी और अब्देल-अजीज ओदेह ने इस्लामिक जिहाद को स्थापित किया था. इस्लामिक जिहाद को यासर अराफात के फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के समर्थकों ने खड़ा किया है. साल 1995 में माल्टा में शिकाकी की हत्या हुई थी. इस्लामिक जिहाद इस हमले के बाद और ज्यादा हिंसक हो गया था. इस्लामिक जिहाद ने कसम खाई है कि इजरालय को तबाह करेंगे. 1948 से पहले की तरह फिलिस्तीन का निर्माण करेंगे.
ईरान दे रहा इस्लामिक जिहाद को बैकअप
ईरान, इराक, लेबनान और गल्फ के अमीरात में शिया समूह, इस्लामिक जिहाद के साथ खड़े हैं. साल 1980 के अंत में ईरान ने फिलिस्तीन सहित सुन्नी-बहुल देशों में अपना प्रभाव बढ़ाया है. हमास और हिजबुल्लाह के समर्थन की तरह ईरान इस्लामिक जिहाद को फंड देता है. यही आतंकी संगठन, इजरायल के लिए काल बना है.
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