फिल्मों, गानों और खेल में पैसे लगाकर पैर पसार रहे हैं खालिस्तानी, समझिए इनका खतरनाक मंसूबा

| Updated: Sep 25, 2023, 02:44 PM IST

खालिस्तानियों की शरणस्थली बन गया है कनाडा.

NIA की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी अब बड़ी बजट वाली फिल्मों में निवेश कर रहे हैं. वे कई स्पोर्ट लीग को भी फंड कर रहे हैं.

डीएनए हिंदी: कनाडा खालिस्तानी मूवमेंट का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है. वहां बैठकर देश के खिलाफ साजिश रची जा रही है. जस्टिन ट्रूडो सरकार भी खालिस्तानियों के समर्थन में है और भारत सरकार के खिलाफ है. खुद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो यह कह चुके हैं खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसियों का हाथ है. उनके इस दावे के बाद ही भारत और कनाडा के संबंध और तनावपूर्ण हो गए. 

वैश्विक राजनीति में भारत और कनाडा के आरोप-प्रत्यारोपों पर सियासत हो रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने दावा किया है कि कनाडा के कुछ हिस्सों में भारत के खिलाफ अलगाववादी आंदोलन तेज हो गया है. दुनियाभ में जांच एजेंसियां खालिस्तानी आंदोलनों की पड़ताल कर रही हैं. 

फिल्मों और गानों में पैसे लगा रहे हैं खालिस्तानी

NIA की हालिया रिपोर्ट चौंकाने वालाी है. खालिस्तानी गैंगस्टर और आतंकी भारत में याच, फिल्मों और बड़े स्पोर्ट लीग में निवेश कर रहे हैं. देश के बड़े फुटबॉल लीग में भी वे निवेश कर रहे हैं. कनाडाई प्रीमियर लीग में निवेश करके खालिस्तानी अपना एजेंडा फैला रहे हैं. खालिस्तानी अपने एजेंडे को लेकर बेहद आक्रामक हैं. 

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स्पोर्ट्स क्लब पर है खालिस्तानियों की नजर
NIA ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि खालिस्तानी चरमपंथी जबरन वसूली रैकेट चलाकर और याच, फिल्मों और कनाडाई प्रीमियर लीग (CPL) में पैसा निवेश कर रहे हैं. वहीं से वे विदेश में अपने आंदोलन को फंड करने के लिए पैसे जुटा रहे हैं.

हवाला कारोबार से मिल रही खालिस्तानियों को फंडिंग
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 से 2021 के बीच 5 लाख रुपये से लेकर 60 लाख रुपये तक के 13 ट्रांजैक्शन किए गए. यह सब हवाला कारोबार के जरिए हो रहा था. इनके तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई तक से जुड़े थे. 

थाइलैंड के बार तक है खालिस्तान की दखल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खालिस्तानी समर्थक आतंकियों ने थाईलैंड में बार और नाइट क्लबों को फंड करने के लिए भारत से पैसा भेज रहे थे. खालिस्तानी जबरन वसूली और अवैध शराब की बिक्री से पैसा इकट्ठा कर रहे थे. कनाडा में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और सतबीर सिंह उर्फ सैम को भी पैसा भेजा जा रहा था.

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NIA की नजर में है हर खालिस्तानी मूवमेंट
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि NIA ने अवैध धंधों पर रिपोर्ट तैयार की है. थाइलैंड से भी अवैध ट्रांजैक्शन किया गया है. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियार तस्करी के कारोबार से पैसा इकट्ठा करता था और उसे गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप हवाला के जरिए थाईलैंड में मनीष भंडारी तक पहुंचा था. उसका एक नाम काला राणा भी है. उसके पिता जोगिंदर सिंह और राजकुमार उर्फ राजू बसोदी नाइट क्लब और बार में इन पैसों का निवेश करते थे.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का भी है खालिस्तान कनेक्शन!
NIA रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि लॉरेंस बिश्नोई और उनके करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ कनाडा में खालिस्तान समूहों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. यह गैंग अवैध मार्गों के जरिए भारत से कनाडा में पैसा भेजता है. जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि कनाडा के नागरिक और अलगाववादी संगठन खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ था. उनके आरोप के बाद जस्टिन ट्रूडो का भारत विरोधी रुख सामने आ गया था. भारतीय जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई थीं.

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