Railway News: बीमारों के काम आएगी रेलवे की खाली जमीन, जानिए क्या है नई लैंड लीज पॉलिसी, जिससे पूरा होगा ये प्लान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 08, 2022, 05:20 PM IST

रेल मंत्री अश्विन वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि रेलवे की खाली पड़ी जमीनों को सार्वजनिक बोली के जरिए लीज पर दिया जाएगा.

डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे की पूरे देश में बड़े पैमाने पर खाली पड़ी कीमती जमीनों पर बड़े-बड़े निजी अस्पताल और स्कूल बनाए जाएंगे. रेल मंत्री अश्विन वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि इसके लिए रेलवे निजी कंपनियों को जमीन लीज पर देगा. इसके लिए जल्द ही रेलवे की लीज पॉलिसी विस्तार से जारी की जाएगी. 

रेल मंत्री का ये बयान केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से रेलवे की जमीनों को लॉन्ग-टर्म लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के एक दिन बाद आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narednra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट मीटिंग में बुधवार को बड़े पैमाने पर ढांचागत विस्तार के लिए रेलवे की जमीनों को लीज पर देने का फैसला किया गया था. इसके लिए नई लैंड लीज पॉलिसी को मंजूरी दी गई.

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4.84 लाख हेक्टेयर जमीन है रेलवे के पास

केंद्रीय कैबिनेट के आंकड़ों के हिसाब से भारतीय रेलवे (Indian Railways) के पास पूरे देश में 4.84 लाख हेक्टेयर जमीन है, जिन पर रेलवे स्टेशनों और रेल लाइनों का जाल बिछा हुआ है. रेलवे स्टेशनों समेत कई अन्य जगह पर रेलवे के पास करीब 0.62 लाख हेक्टेयर जमीन फिलहाल खाली पड़ी हुई है, जिन पर जगह-जगह अवैध कब्जा हो रहा है. 

कैबिनेट ने ये खाली जमीनें कार्गो से जुड़ी एंटरप्राइजेज, पब्लिक यूटिलिटीज, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स और स्कूल-अस्पतालों के निर्माण के लिए लीज पर देने का निर्णय लिया है.

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1 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लीज पर दी जाएगी जमीन

नई लैंड लीज पॉलिसी के तहत रेलवे की जमीनों को सोलर प्लांट लगाने, सीवेज सिस्टम बनाने और वाटर ट्रीटमेंट फैसेलिटीज बनाने के लिए 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति साल की दर से 35 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा. इसके अलावा PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में अस्पताल चलाने और केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूलों के निर्माण के लिए भी जमीन 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति साल की दर से ही लीज पर दी जाएगी, लेकिन इन संस्थानों को जमीन 60 साल तक के लिए लीज पर दी जा सकेगी. रेल मंत्री के मुताबिक, 35 साल प्लस 35 साल योजना के तहत निजी कंपनियों को लीज पर जमीन सार्वजनिक बोली के जरिए दी जाएगी. 

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पूरे रेलवे नेटवर्क में कार्गो टर्मिनल बनाने का भी टारगेट

रेलमंत्री ने बताया कि इसके अलावा रेलवे पीएम गति शक्ति योजना के तहत अपने खाली जमीन कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए भी लीज पर देगा. इसके पीछे रेलवे की मंशा अपने पूरे नेटवर्क में कार्गो टर्मिनल सेट करने की है. इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट कम होगी और अर्थव्यवस्था में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी.

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300 कार्गो टर्मिनल बनेंगे और मिलेंगी 1.25 लाख नई नौकरी

इस लीज पॉलिसी के तहत अगले पांच साल में पीएम गति शक्ति योजना (PM Gati Shakti programme) के तहत पूरे देश में 300 कार्गो टर्मिनल बनाए जाएंगे. सरकार का अनुमान है कि इससे देश में 1.25 लाख से ज्यादा नई नौकरियां सृजित होंगी. 

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किस तरह लीज पर दी जाएगी जमीन

कार्गो टर्मिनल के लिए: रेलवे की जमीन के मौजूदा बाजार मूल्य का 1.5 फीसदी सालाना की दर से खर्च लगेगा. साथ ही अगले 35 साल तक मुद्रास्फीति के हिसाब से 6 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी की जाएगी.

यूटिलिटी सर्विसेज के लिए: गैस, इलेक्ट्रिसिटी, ऑप्टिक फाइबर केबल, वाटर सप्लाई व सीवेज डिस्पोजल जैसी सेवाओं के लिए राइट टू वे चार्ज (Right of Way charge) वसूला जाएगा. यह जमीन की कीमत का 1.5 फीसदी सालाना होगा और इसमें 35 साल तक 6 फीसदी सालाना बढ़ोतरी होगी, जो कम से कम 10,000 रुपये रहेगी.

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