Congress President Election: थरूर के सामने मतदान से पहले ही बड़ी चुनौती, अध्यक्ष पद की चुनावी प्रक्रिया है कारण, जानिए क्या है परेशानी

कुलदीप पंवार | Updated:Sep 23, 2022, 07:33 AM IST

Congress President Election: कांग्रेस के अध्यक्ष पद की चुनावी प्रक्रिया बहुत ही जटिल है. इसमें चुनाव लड़ने के लिए 10 प्रस्तावक भी जुटाने पड़ते हैं.

डीएनए हिंदी: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) में अध्यक्ष पद की चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है. ये चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि इनसे 24 साल में पहली बार गांधी परिवार से बाहर के किसी आदमी के अध्यक्ष पद पर बैठने की संभावना बन रही है. एकतरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा रहा है तो दूसरी तरफ सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.

हालांकि गांधी परिवार के विरोधी G-23 गुट के समर्थक माने जा रहे थरूर के लिए पहले ही कदम पर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नामांकन करना है. इसके लिए उन्हें 30 सितंबर से पहले कांग्रेस संगठन के अंदर 10 ऐसे  PCC डेलीगेट (वोटर ) तलाशने होंगे, जो उनका नाम उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित करेंगे. 

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सूत्रों का कहना है कि ये 10 प्रस्तावक जुटाने के लिए थरूर ने बुधवार को पूरे देश में  प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (PCC) के सदस्यों को फोन करने शुरू कर दिए हैं. आइए जानते हैं कांग्रेस की पूरी चुनावी प्रक्रिया, जिसके चलते थरूर को ये प्रस्तावक तलाशने पड़ रहे हैं.

सबसे पहले जानिए कैसे होता है कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव

कांग्रेस में कोई भी कार्यकर्ता अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है, लेकिन उसे चुनावी नामांकन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के 10 सदस्यों को अपना प्रस्तावक बनाना पड़ता है. ये प्रस्तावक उम्मीदवार नाम  चुनाव के लिए नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी के सामने पेश करते हैं. यदि नामांकन की डेडलाइन के बाद एक ही उम्मीदवार रहता है तो उसे बिना चुनाव के ही अध्यक्ष चुन लिया जाता है.

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यदि उम्मीदवार दो या दो से ज्यादा होते हैं तो उनके नामों को प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को भेजा जाता है. वोटिंग के लिए तय दिन पर कमेटियों के सदस्य, जिन्हें PCC डेलीगेट कहा जाता है, वोटर के तौर पर मतदान करते हैं. मतदान हर प्रदेश में PCC हेडक्वार्टर में होता है. इसमें डेलीगेट बैलेट पेपर पर अपनी पसंद के उम्मीदवार का नाम 1 नंबर पर और दूसरी प्रियोरिटी वाले नाम को 2 नंबर पर लिखकर उसे बैलेट बॉक्स में डालते हैं. यदि किसी बैलेट पेपर पर एक ही नाम होता है तो वह वोट खारिज कर दिया जाता है.

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पूरे देश से बैलेट बॉक्स आते हैं दिल्ली हेडक्वार्टर

देश के सभी PCC हेडक्वार्टर में मतदान खत्म होने के बाद बैलेट बॉक्स को दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) दफ्तर भेज दिया जाता है, जिसे हम लोग कांग्रेस हेडक्वार्टर के नाम से जानते हैं. यहां पर रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में पहले प्रेफरेंस वाली वोट गिनी जाती हैं. यदि कोई उम्मीदवार 50% प्रेफरेंस वोट हासिल कर लेता है तो आगे गिनती नहीं की जाती और वह विजेता घोषित हो जाता है.

प्रेफरेंस वोट में 50% वोट नहीं मिलने पर सबसे कम वोट वाला उम्मीदवार हटा दिया जाता है. इसके बाद बचे उम्मीदवार को इस 'एलिमिनेशन राउंड' के जरिए अध्यक्ष चुन लिया जाता है.

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कौन-कौन डाल सकते हैं वोट

कांग्रेस संगठन में 30 राज्यों व 5 केंद्र शासित प्रदेशों में PCC हैं, जिनमें 9,000 से ज्यादा डेलीगेट हैं. इसके अलावा AICC में भी 1,500 मेंबर हैं. ये सभी अध्यक्ष पद के लिए वोट डाल सकते हैं.

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साल 2022 में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अहम तारीखें

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