UP में कैसे जातीय समीकरण साध रही BJP? जानिए Modi-Yogi का मास्टर प्लान

अभिषेक शुक्ल | Updated:Mar 06, 2024, 06:59 AM IST

यूपी में योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट का विस्तार किया है.

उत्तर प्रदेश में कई छोटी पार्टियों की सियासी बिसात ही जातीय समीकरणों पर बैठी है. वे खुलकर जातीय राजनीति करते हैं. बीजेपी ने ऐसे नेताओं को अपने खेमे में कर लिया है.

उत्तर प्रदेश (UP) में जातीय समीकरण साधे बिना राजनीति कर पाना कठिन काम है. बहुजन समाज पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी (SP) तक, इससे बचे नहीं हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि बसपा दलित राजनीति करती है, सपा मुस्लिम और यादव समीकरण साधती है और अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) दूसरे तरीके से जातीय समीकरण साध रही है.

बीजेपी ने राष्ट्रीय लोक दल, सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी को अपने खेमे में मिला लिया है. बीजेपी ने सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर को ही मंत्री पद दे दिया है. वहीं रालोद के एक विधायक की भी मोदी कैबिनेट में एंट्री हो गई है.

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ओपी राजभर, असर 16 लोकसभा सीटों पर
यूपी में राजभर और पिछड़े वर्गों की राजनीति के ओपी राजभर मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं. यूपी की राजनीति में राजभर वोटरों की संख्या करीब 4 फीसदी है. पूर्वांचल के करीब 18 जिलों में राजभर जाति के लोग रहते हैं. ओपी राजभर करीब 16 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को मजबूत बढ़त दिला सकते हैं.


बीजेपी ने साध लिया जाट समीकरण
राष्ट्रीय लोकदल मुख्य रूप से जाटों की पार्टी कही जाती है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभुत्व रखने वाली इस पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए परेशानियां खड़ी की थीं. 

अब भारतीय जनता पार्टी ने रालोद के एक विधायक को भी कैबिनेट पद दे दिया है. यूपी में जाट आबादी महज 2 फीसदी है.  रालोद की ओर से अनिल कुमार को मंत्रि पद दिया गया है. जाट प्रभावशाली समुदाय है, जिसका असर दूसरी जातियों पर भी है.

ब्राह्मण वोटरों को कैसे साध रही बीजेपी 
सुनील शर्मा को भी बीजेपी ने योगी कैबिनेट में शामिल किया है. लोकसभा चुनावों में ब्राह्मण वोटरों को साधने की कोशिश की यह बानगी भर है. पश्चिमी यूपी में इसका असर देखने को मिल सकता है. वे गाजियाबाद की साहबिबाबाद सीट से आते हैं.

दारा सिंह चौहान को भी मिला मंत्रि पद
योगी कैबिनेट में दारा सिंह चौहान को भी शामिल किया गया है. वे सपा से बीजेपी में आए हैं. बीजेपी ने उन्हें पहले एमएलसी बनाया और अब मंत्री पद दे चुकी है. वे जाति से लोनिया है. यूपी में लोनिया जाति के बड़े चेहरों में उनकी गिनती होती है. यूपी में हुई जातीय गोलबंदी बीजेपी की राजनीति आसान कर सकती है.  

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