मालदीव से लौटेंगे हिंदुस्तानी सैनिक, क्या है रिश्तों के बिगड़ने की इनसाइड स्टोरी? 5 पॉइंट्स में समझें

अभिषेक शुक्ल | Updated:Jan 14, 2024, 06:31 PM IST

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू.

मालदीव और भारत के बीच दशकों से चले आ रहे संबंध अब तनावपूर्ण हो गए हैं. अब मालदीव ने कहा है कि भारतीय सैनिक देश छोड़ दें.

डीएनए हिंदी: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने भारत के खिलाफ कड़े तेवर दिखलाए हैं. मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत 15 मार्च तक अपने सैन्य कर्मियों को मालदीव से वापस बुला ले. मालदीव ने अपील की थी कि भारत अपने सैनिकों को वापस बुला ले. मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक हैं. 

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय में सार्वजनिक नीति सचिव, अब्दुल्ला नाजिम इब्राहिम ने कहा कि हमने औपचारिक रूप से भारत से 15 मार्च तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस लेने के लिए कहा है.सनऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव सरकार ने कहा है कि भारतीय सैन्य कर्मी मालदीव में नहीं रह सकते हैं. यह राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और इस प्रशासन की नीति है.

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अब तक क्या हुआ?
मालदीव और भारत ने सैनिकों की वापसी पर बातचीत के लिए एक उच्च स्तरीय कोर ग्रुप का गठन किया है. समूह ने रविवार सुबह माले में विदेश मंत्रालय मुख्यालय में अपनी पहली बैठक की. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर भी शामिल हुए. मालदीव का कहना है कि बैठक का एजेंडा 15 मार्च तक सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध था. सरकार की ओर से अभी तक इस पहल पर कोई बयान सामने नहीं आया है.

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क्यों बिगड़ रहे हैं भारत-मालदीव के रिश्ते, 5 पॉइंट्स में समझें इनसाइड स्टोरी

1. भारत से इनकार, चीन से प्यार, ऐसे है मोइज्जू की विदेश नीति

17 नवंबर 2023 को मोहम्मद मोइज्जू ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. मोइज्जू चीन समर्थक माने जाते हैं. उनका रुख भारत विरोधी रहा है. उन्होंने औपचारिक रूप से भारत से अपने सैन्य कर्मियों को अपने देश से वापस बुलाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के लिए मालदीव के लोगों ने उन्हें मजबूत जनादेश दिया है.

2. तल्ख हो गए हैं मालदीव-भारत के रिश्ते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोइज्जू सरकार के तीन मंत्रियों ने अपमानजनक बयान दिए थे. मालदीव के तीनों मंत्रियों पर इतना दबाव पड़ा कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. भारत ने मालदीव का पूरी तरह से बहिष्कार किया.

दिग्गज हस्तियों ने कहा कि हमारे पास लक्षद्वीप है, हम मालदीव के आश्रित नहीं हैं. अब मालदीव ने भारतीय सैनिकों को वापस बुलाया है. भारत के बहिष्कार की वजह से मालदीव को बड़ा झटका लगा है. रूस और चीन के बाद भारतीय पर्यटक ही हैं जिनसे मालदीव गुलजार है. 

3. मालदीव दिखा रहा भारत को आंख
राष्ट्रपति मोइज्जू ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, 'हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता. हम किसी से पीछे नहीं हैं. हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य हैं.' उन्होंने भारत पर देश की निर्भरता को कम करने की योजनाओं की भी घोषणा की, जिसमें अन्य देशों से आवश्यक खाद्य वस्तुओं और दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों के आयात को सुरक्षित करना शामिल है.

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4. 100 समझौतों की समीक्षा कर रहा है भारत
राष्ट्रपति मोइज्जू ने कहा कि किसी भी देश को किसी देश के घरेलू मामलों पर प्रभाव डालने का अधिकार नहीं है, चाहे उसका आकार कुछ भी हो. उन्होंने कसम खाई कि वह मालदीव के घरेलू मामलों पर कोई बाहरी प्रभाव नहीं पड़ने देंगे. मालदीव भारत के साथ पिछली सरकार की ओर से हस्ताक्षरित 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की भी समीक्षा कर रहा है.

5. चीन से दोस्ती भारत के साथ खत्म कर देगी रिश्ता
मालदीव चीन के करीब जा रहा है. चीन ने हाल ही में अपने आधिकारिक यात्रा के दौरान कहा था कि मालदीव और चीन को करीब आना चाहिए. इतिहास साक्षी है कि जब-जब कोई देश चीन के करीब जाता है, भारत के साथ रिश्ते तल्ख हो जाते हैं. चीन से लौटने के बाद शनिवार को प्रेस से बात करते हुए राष्ट्रपति मोइज्जू ने परोक्ष रूप से भारत पर हमला बोला.

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