डीएनए हिंदी: Opposition Mission 2024- विपक्षी दलों की बंगलूरु में हुई मीटिंग में महाएकता गठबंधन के लिए INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) नाम तय हुआ है. यह नाम मंगलवार को विपक्षी दलों के सभी नेताओं के बीच एक लंबी चर्चा के बाद फाइनल हुआ है. हालांकि विपक्षी महाएकता के सूत्रधार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही इस नाम पर सहमत नहीं थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश को मनाने के लिए विपक्षी दलों के सभी नेताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल नीतीश इस नाम को भाजपा नेतृत्व वाला सत्ताधारी गठबंधन NDA (National Democratic Alliance) से जोड़कर देख रहे थे. इसके अलावा भी उन्होंने इस नाम को नहीं रखने के लिए कई तर्क दिए थे, जो अब सामने आए हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर विपक्षी महाएकता के इस नाम पर नीतीश को ऐतराज क्यों था?
INDIA कैसे हो सकता है नाम?
दरअसल बंगलूरु में मंगलवार को बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने गठबंधन के नाम की घोषणा की थी. खड़गे ने कहा था कि भाजपा के खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन को INDIA कहा जाएगा. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, नीतीश कुमार ने आपत्ति जताते हुए सवाल पूछा था कि विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA कैसा हो सकता है? उन्होंने INDIA के सत्ताधारी गठबंधन वाले NDA से मिलता-जुलता होने को लेकर ऐतराज जताया था. इस पर किसी ने कहा कि यहां NDA में I भी है.
नीतीश ने सुझाए थे दो अन्य नाम
नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के लिए दो नाम सोचकर आए थे. उन्होंने बैठक में ये दोनों नाम भी सबके सामने रखे. उन्होंने गठबंधन का नाम IMF (India Main Front) या IMA (India Main Alliance) रखने की सलाह दी. इसके उलट वामपंथी नेताओं ने इन दोनों नामों पर ऐतराज जताया. वाम नेताओं ने सेव इंडिया अलायंस (Save India Alliance) या वी फॉर इंडिया (We for India) नाम सुझाए
बहुमत की सहमति के बाद नीतीश ने डाले हथियार
रिपोर्ट के मुताबिक, नीतीश कुमार बेहद बहस के बाद आखिरकार इस आधार पर INDIA नाम के लिए तैयार हो गए, क्योंकि ज्यादातर दलों को बहुमत इस शब्द के पक्ष में था. नीतीश ने कहा, ठीक है, यदि आप सभी इस नाम (INDIA) के साथ सहमत हैं तो फिर यही सही है.
राहुल गांधी या ममता बनर्जी, किसका था INDIA नाम का प्रस्ताव?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, INDIA नाम का प्रस्ताव किसने रखा, इसे लेकर भी सबके अपने दावे हैं.अलग-अलग दावों में यह नाम पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) द्वारा पेश करने की बात कही गई है. VCK चीफ टी. थिरुमावालावन के मुताबिक, ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA करने का प्रस्ताव रखा. लंबी चर्चा के बाद तय हुआ कि गठबंधन का नाम Indian National Developmental Inclusive Alliance रहेगा. इसके बाद NCP नेता जितेंद्र आव्हाड़ ने एक पोस्ट में लिखा कि यह राहुल गांधी का आइडिया था. हालांकि कुछ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी ने यह नाम सुझाया था, लेकिन तय यह किया गया कि ममता बनर्जी इसका प्रस्ताव पेश करने की औपचारिकता पूरी करेंगी. ममता बनर्जी ने भी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान नाम रखने के लिए राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा था, हमारे पसंदीदा राहुल गांधी.
Democratic शब्द पर भी चली लंबी बहस, फिर हटाया इसे
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान गठबंधन के नाम में लोकतांत्रिक (Democratic) शब्द रखने को लेकर भी लंबी बहस चली, क्योंकि यह शब्द भी पहले से ही भाजपा समर्थक गुट NDA के नाम में मौजूद है. इसके बाद यह शब्द INDIA से हटाया गया. कांग्रेस ने INDIA और NDA की फुल फॉर्म को अलग-अलग रखने के लिए Democratic की जगह पर Developmental शब्द यूज करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी ने सहमति जता दी.
विपक्षी गठबंधन में सबकुछ नहीं ठीक?
वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष की बैठक में नीतीश के 'अपसेट' हो जाने का दावा किया है. मोदी ने प्रेस ब्रीफिंग में शामिल हुए बिना नीतीश कुमार के पहले ही बंगलूरु से निकल जाने की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का समन्वयक बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन उनके नाम की घोषणा नहीं होने से वह अपसेट हो गए और इसी कारण बंगलूरु से प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही लौट आए. उधर, नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने सुशील मोदी के बयान को खारिज किया है. JDU ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फ्लाइट जल्दी थी, इसलिए उन्होंने बैठक को समय से पहले छोड़ा था.
भाजपा के 'इंडिया अगेंस्ट भारत' तंज पर विपक्ष का 'जीतेगा भारत' नारा
भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर 'INDIA against Bharat' कहकर तंज कसा था. इस पर विपक्षी मोर्चे ने बुधवार को नया नारा दिया है- 'जीतेगा भारत'. यह टैगलाइन विपक्षी दलों के बीच मंगलवार देर रात हुई चर्चा के बाद तय की गई है. उद्धव ठाकरे ने इस टैगलाइन का प्रस्ताव रखा था, जिस पर सभी ने सहमति जताई है.
मुंबई में होगी विपक्ष की अगली मीटिंग
बंगलूरु की बैठक में यह भी तय किया गया है कि विपक्षी गठबंधन की अगली मीटिंग मुंबई में होगी, जिसकी मेजबानी उद्धव ठाकरे की शिव सेना करेगी. गठबंधन का चेहरा कौन होगा? इस पर तय हुआ है कि इस मुद्दे और अन्य पहलुओं पर 11 सदस्यीय समन्वय समिति निर्णय लेगी, जिसमें सभी प्रमुख दलों के लोग होंगे. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि कैंपेन मैनेजमेंट के लिए दिल्ली में एक सचिवालय भी बनाया जाएगा.
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