डीएनए हिंदी : पाकिस्तान की सरकार अभी अनिश्चितता के दौर से गुज़र रही है. इमरान खान(Imran Khan) की सरकार के प्रमुख सहयोगी दल के विपक्ष के साथ हाथ मिला लेने की अवस्था इमरान खान(Imran Khan) की सरकार अल्पमत में आ गई है. लोगों का अनुमान है कि इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान सरकार में सेना(Pakistan Army) फिर अहम् भूमिका में आ सकती है. गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूरे प्रशासकीय परिदृश्य में सेना बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इसके साथ ही सेना का व्यापार में भी काफ़ी दबदबा है. लगभग सत्तर सालों तक पाकिस्तानी सत्ता में दखल रखने वाली सेना के पास वर्तमान में डेढ़ लाख करोड़ का बिज़नेस है. कैसे सेना इतना कमा रही है? कौन-कौन से व्यापार उनके अधीन हैं. एक विस्तृत नज़र -
सेना के पास हैं पचास या अधिक व्यवसाय
पाकिस्तानी अख़बार डॉन के द्वारा 2016 में छापी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक़ तत्कालीन पाकिस्तानी रक्षामंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने सदन की कार्यवाही के दौरान सूचना दी थी कि सेना(Pakistan Army) की व्यापारिक संस्था फौजी फाउंडेशन(Fauji Foundation) और इसकी सहयोगी संस्थाएं शाहीन फाउंडेशन, आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट और डिफेन्स हाउसिंग अथॉरिटीज के पास पचास से अधिक प्रोजेक्ट, यूनिट और हाउसिंग कॉलोनी हैं.
फ़ौजी फाउंडेशन(Fauji Foundation) का मुख्यालय रावलपिंडी में है. हाऊसिंग कॉलोनियों के अतिरिक्त पाकिस्तानी सेना के पास काफ़ी ज़मीनें भी हैं. सेना के द्वारा संचालित व्यवसायों में मुख्यतः चीनी मिल, लाहौर के साथ दो अन्य शहरों में हाउसिंग स्कीम, जनरल इंश्योरेंस, एविएशन सर्विस, CNG कंपनी, फ़र्टिलाइज़र और बीज व्यवसाय शामिल है. सेना रावलपिंडी में एक आला रेस्त्रां चलाती है. सेना की ही सहयोगी व्यापारिक संस्था शाहीन फाउंडेशन एयरपोर्ट सर्विस, ऐरोट्रेडर, निटवियर, मेडिकल सर्विस, एडवरटाइजिंग, एविएशन कॉलेज और पेशावर में हाउसिंग स्कीम सहित कई अन्य बिज़नेस चला रही है.
देश के 8 बड़े शहरों में सेना के पास 2 लाख करोड़ से अधिक की ज़मीन
फौजी फाउंडेशन(Fauji Foundation) द्वारा चलाए जा रहे डिफेन्स हाउसिंग अथॉरिटी देश की सबसे संपन्न रियल इस्टेट कंपनियों में एक है. पाकिस्तान के तक़रीबन सभी बड़े शहरों में इस कंपनी के पास ज़मीनें हैं. इस्लामाबाद, रावलपिंडी, कराची, लाहौर, मुलतान, बहावलपुर, पेशावर क्वेटा में इस कंपनी के पास उपलब्ध ज़मीनों का मूल्यांकन किया जाए तो कुल क़ीमत दो लाख करोड़ से ऊपर की होगी.
कम नहीं है भ्रष्टाचार, स्विस बैंकों में हैं पूर्व अफसरों के पैसे
क्रेडिट सुईस के द्वारा बीते साल अक्टूबर में ज़ारी की गई रिपोर्ट के अनुसार सेना के 25 पूर्व अफ़सरों के अकाउंट स्विस बैंक में हैं. इन अकाउंट्स में लगभग 80 हज़ार करोड़ की अघोषित संपत्ति है. न्यू यॉर्क टाइम्स में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ पूर्व ISI चीफ़ जनरल अख़्तर अब्दुर रहमान खान ने अफ़ग़ान योद्धाओं को दिए जाने वाले पैसे का गबन कर लिया. यह पैसा अमेरिका ने आईएसआई को दिया था. इसके अतिरिक्त पाकिस्तानी सेना(Pakistan Army) के रिटायर्ड अफसरों का ट्रस्ट भी है. इस ट्रस्ट पर सेना की ज़मीन के बन्दरबांट का आरोप लगता रहा है.
रिटायर्ड अफसरों पर लगता रहा है आरोप
2008 में अंतरराष्ट्रीय अख़बार अलजज़ीरा ने मिलिट्री आई एन सी : इनसाइड पाकिस्तान मिलिट्री इकोनॉमी (Military Inc: Inside Pakistan’s Military Economy) किताब की लेखिका आयशा सिद्दीक़ा के हवाले से ख़बर छापी थी कि सेना देश के लगभग एक तिहाई हैवी इंडस्ट्रीज को संचालित करती है. संसाधनों का सबसे अधिक दोहन सेवानिवृत अधिकारियों के ज़रिये होता है. दबे छिपे होने वाले दोहन में वे रिटायर्ड अफसर मुख्य चैनल के रूप में उपस्थित होते हैं. सुईस क्रेडिट की रिपोर्ट में भी यह बात निकलकर सामने आई है. साथ ही पनामा पेपर्स के लीक होने पर पता चला था कि परवेज़ मुशर्रफ के जनरल रहे लेफ़्टिनेंट जनरल शफ़तुल्लाह शाह की लन्दन में 5 हज़ार करोड़ की संपत्ति थी.
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