डीएनए हिंदी: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. हालात ऐसे हैं कि लोगों को एक वक्त की दाल-रोटी भी नसीब नहीं हो रही है. आटे की किल्लत ने आम लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है. अनाज की कालाबाजारी बढ़ गई है. बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में सैंकड़ों लोग आटे से लदे ट्रक के पीछे भागते नजर आ रहे हैं. यहां आटे की कीमत 150 रुपये किलो के पार चली गई है. पाकिस्तान की जनता आज जिस दाने-दाने के लिए मोहताज दिख रही है, उससे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का वो बयान याद आता है, जो उन्होंने कहा था, 'चाहे हमें घास की रोटियां खानी पड़े, लेकिन अपने मकसद में कामयाब होंगे.'
दरअसल, जब भारत के हाथ युद्ध में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा था. तब पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, 'चाहे हमें घास की रोटियां क्यों न खानी पड़ें, लेकिन हम एटम बम बनाकर ही दम लेंगे.' पाकिस्तान ने भले ही जैसे-तैसे परमाणु बम हासिल कर लिया हो लेकिन आज उसकी हालत ऐसी हो गई है कि घास की रोटी खानी की नौबत आ गई है. सोशल मीडिया पर भुट्टो का यह बयान अब खूब ट्रेंड हो रहा है.
पाकिस्तान में 3100 रुपये में मिल रहा है आटा, रोटी के लिए तरसे लोगों के बीच मची भगदड़
150 रुपये किलो बिक रहा आटा
पाकिस्तान में 15 किलो आटे के बैग की कीमत दो सप्ताह में 300 रुपये से ज्यादा बढ़ गई है. अब पाकिस्तान में 3,100 रुपये में आटे की बोरी मिल रही है. सरकार ने यूटिलिटी स्टोर्स कॉरपोरेशन के जरिए बिक्री के लिए चीनी और घी की कीमतों में 25 प्रतिशत से 62 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है.
पाकिस्तान में आसमान छू रहे राशन के दाम
- डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में आटा 150 रुपये किलो से महंगा हो गया है.
- दूध के दाम 114 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 149 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं
- प्याज के दाम 36.7 रुपये किलो से बढ़कर 220 रुपये किलो तक पहुंच गए
- नमक पहले 32.9 रुपये बिक रहा था, लेकिन अब कीमत बढ़कर 49.1 रुपये प्रति किलो हो गई है.
- सरसों का तेल 32.5 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
- मसूर दाल 225 रुपये प्रति किलो, मूंग दाल 280 रुपये, मैश दाल 300 रुपये और चना दाल 400 रुपये किलो मिल रही है.
पाकिस्तान में हालात इतने बुरे हो गए हैं कि शॉपिंग मॉल और दूसरी सार्वजनिक स्थलों को बंद किया जा रहा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बड़े आर्थिक संकट में फंस गई है, जिससे बाहर निकलना मुश्किल लग रहा है. पाकिस्तान में आटा, चीनी और घी जैसी रोजमर्रा की चीजें मंहगी हो गई हैं. कीमतों में हर दिन उछाल देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान बढ़ते कर्ज, बढ़ी हुई एनर्जी प्राइस, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक मुद्रास्फीति, राजनीतिक अस्थिरता और जीडीपी विकास में मंदी से निपटने में बुरी तरह जूझ रहा है.
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लगातार घट रही है करेंसी
अन्य देशों में काम करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की तरफ से स्वदेश भेजी जाने वाली रकम लगातार घटती जा रही है और दिसंबर में यह सिर्फ दो अरब डॉलर रह गई. यह 31 महीनों का सबसे निचला स्तर है. 'द डॉन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक एसबीपी ने कहा है कि विदेशों से पाकिस्तान भेजी गई राशि दिसंबर 2022 में 2.04 अरब डॉलर रही है जो एक साल पहले की समान अवधि के 2.52 अरब डॉलर की तुलना में 19 प्रतिशत है. विदेशों से आने वाले धन की मात्रा नवंबर 2022 में 2.10 अरब डॉलर रही. इस तरह नवंबर की तुलना में दिसंबर में यह राशि तीन प्रतिशत घट गई.
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