डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी पीटीआई की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इमरान खान गिरफ्तारी से बचने के लिए आए दिन कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं. वहीं उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो रही है. इसका नतीजा यह है कि इमरान की पार्टी के करीबी नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. इमरान का दायां हाथ माने जाने वाले पूर्व मंत्री फवाद चौधरी भी पीटीआई छोड़ चुके हैं. इसके अलावा उनके करीबी असद उमर ने भी पार्टी छोड़ चुके हैं.
दरअसल, हाल ही में इमरान खान की पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री रहे फवाद चौधरी ने पीटीआई से इस्तीफा दिया है. फवाद ने कहा, "मैंने राजनीति से ब्रेक लेने का फैसला किया है. मैं पीटीआई के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं और इमरान खान से अलग हो रहा हूं." इसके पहले इमरान के करीबी नेता असद उमर ने भी पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि असद उमर पीटीआई के राष्ट्रीय महासचिव थे.
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अहम बात यह है कि बुधवार को असद उमर को पाकिस्तान की अडियाला जेल से रिहा किया गया था और रिहाई के कुछ देर बाद ही असद उमर ने पीटीआई की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा है कि वह किसी दबाव में इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. असद उमर ने अपने बयान में बड़ा बयान दिया था और कहा था कि 9 मई को भड़की हिंसा में सेना के ठिकानों पर हुए हमले गलत थे.
असद उमर को नजरबंद किया गया था लेकिन इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) महासचिव असद उमर की तुरंत रिहाई का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने असद की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया था. माना जा रहा है कि असद उमर पर पाकिस्तानी सेना की तरफ से दबाव बनाया जा रहा था.
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गौरतलब है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को पाकिस्तान में हिंसा हुई थी. उस हिंसा के बाद अब तक पीटीआई के करीब दो दर्जन नेताओं ने पीटीआई से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले नेताओं में डॉक्टर शिरीन मजारी, फैयाजुल हसन चौहान, मलिक अमीन असलम, महमूद मौलवी, आमिर कयानी, जय प्रकाश, आफताब सिद्दीकी और संजय गंगवानी ने नाम शामिल हैं.
केवल इतना ही नहीं, पीटीआई के अन्य नेताओं ने भी इस्तीफा दिया है. इनमें सरदार तनवीर इलियास, बिलाल गफ्फार, करीम गबोल, मलिक जवाद , बलूचिस्तान के खनिज मंत्री मुबीन खिलजी, मेजर ताहिर सादिक और बेटी इमान ताहिर, मलिक अमीन असलम, सैयद जुल्फिकार अली शाह भी शामिल हैं.
दावा है कि इमरान के करीबी नेता और समर्थक सैन्य दबाव के चलते हो रही पुलिसिया कार्रवाई से बचने के लिए लगातार इस्तीफा दे रहे हैं. इमरान खान इस दौरान लगातार अपनी रिहाई को लेकर अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं. इमरान के लिए मुश्किल यह है कि चुनौतीपूर्ण स्थिति के बीच उनके सहयोगी उनका हाथ झटक कर जा रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि सैन्य दबाव के चलते और पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए ये नेता इमरान का साथ छोड़ रहे हैं.
इमरान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं और इमरान के समर्थकों ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किए थे. इस दौरान देशभर में जमकर हिंसा हुई थी. इमरान समर्थकों द्वारा सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया गया था. इस हिंसा के लिए पीटीआई के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. इसमें फवाद चौधरी भी शामिल थे. फवाद को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. फवाद समेत इमरान की पार्टी के कई नेताओं ने रिहाई के बाद 9 मई की हिंसा की निंदा करते हुए पीटीआई से इस्तीफा दे दिया.
अपने करीबियों के पार्टी छोड़ने को लेकर इमरान खान ने भी सरकार और सेना पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी नेताओं पर पार्टी से इस्तीफा देने का दबाव डाला जा रहा है. पाकिस्तान के इतिहास में मैंने ऐसी कार्रवाई पहले कभी नहीं देखी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं से कहा जा रहा है कि अगर आप पीटीआई में रहते हैं तो आपको उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ेगा. आपको जेल में बंद रहना पड़ेगा. अगर आप पार्टी से इस्तीफा देते हैं, तो आपको रिहा कर दिया जाएगा.
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गौरतलब है कि पाकिस्तान की सरकार 9 मई को हुई हिंसा के चलते इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सरकार प्रमुख संस्थानों पर हमला करने के लिए पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हालांकि, माना जा रहा है कि अगर सरकार पीटीआई को बैन करती है, तो इमरान के समर्थकों और सरकार में टकराव और अधिक बढ़ सकता है. सरकार और सेना द्वारा हो रही कार्रवाई के बीच इमरान के अपने ही लोग उनका साथ छोड़ रहे हैं.
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