पाकिस्तान से गोवा आ रहे बिलावल भुट्टो, आसान भाषा में समझें भारत आने की क्यों पड़ी जरूरत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 05, 2023, 01:03 AM IST

पाकिस्तान के विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत दौरे पर आ रहे हैं. भारत के खिलाफ वैश्विक मंचों पर जहर उगलने वाले बिलावल की यह यात्रा बेहद खास है. यहां उनकी भिड़ंत भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से हो सकती है.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में 4 और 5 मई को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं. साल 2011 से अब तक किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत का दौरा नहीं किया है. दोनों देशों के बीच खराब संबंध ठीक नहीं हो पा रहे हैं. बिलावल भुट्टो खुद वैश्विक मंचों पर भारत के खिलाफ कई बार जहर उगल चुके हैं. लेकिन आज उन्हें इसी भारत की धरती पर खुद थक हार कर आना पड़ा है.

बिलावल भुट्टो बीजिंग स्थित SCO की विदेश मंत्रियों की परिषद (CFM) में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि SCO के मौजूदा अध्यक्ष भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को एससीओ-सीएफएम बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा था. 

भारत आने की कैसे मिली इजाजत?

पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत के सिविल एविएशन मंत्रालय ने बिलावल को भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की विशेष अनुमति दी थी. भारत रवाना होने से पहले बिलावल ने ट्वीट किया, 'गोवा, भारत के रास्ते में हूं. शंघाई सहयोग संगठन के सीएफएम में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की नुमाइंदगी करूंगा. इस बैठक में शिरकत करने का मेरा फैसला एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'

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क्यों भारत आने के लिए मजबूर हुए बिलावल भुट्टो?

भारत, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से परेशान है. जम्मू-कश्मीर को अशांत करने की कोशिश पाकिस्तान रह-रहकर करता रहता है. पाकिस्तान आतंकवादियों का पालन-पोषण करता है. भारत कई बार वैश्विक मंच पर यह कह चुका है. एस जयशंकर ने हाल ही में एक वैश्विक मंच पर कहा था कि भारत पड़ोसियों को प्राथमिकता देने की नीति पर काम करता है लेकिन पाकिस्तान इसका अपवाद है क्योंकि वह सीमा पार आतंक का समर्थन करता है.

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चीन और रूस इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. पाकिस्तान वैश्विक तौर पर बुरी तरह से घिर गया है. उसके अपने साथ छोड़ रहे हैं. आर्थिक बदहाली के बीच पाकिस्तान को कई कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है. SCO के सदस्य देशों का कहना था कि भारत और पाकिस्तान के आपसी तकरार की वजह से संगठन का काम बाधित न हो. अपनी छवि सुधारने के लिए बिलावल रंजिश भूलकर भारत आ रहे हैं.

दोस्ती का राग अलाप रहे हैं बिलावल भुट्टो

बिलावल भुट्टो अब इशारों-इशारों में भारत को दोस्त बता रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मेरी यात्रा के दौरान, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है, मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा की उम्मीद करता हूं.'

किस-किस से मुलाकात करेंगे बिलावल भुट्टो?

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के मुताबिक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में SCO-CFM के इतर, मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात भी करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अपने भारतीय समकक्ष के साथ कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है. 

आखिरी बार कब भारत आया कोई पाकिस्तानी विदेशी मंत्री?

बिलावल भुट्टो के पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी. भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के सदस्य देशों में शामिल हैं. 

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