Parliament Monsoon Session 2024: संसद का मानसून सत्र 23 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. अपने तीसरे कार्यकाल के पहले मानसून सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने कई अहम बिल पेश करने की तैयारी कर रखी है, लेकिन इस बार उसकी राह बेहद मुश्किल होने जा रही है. दरअसल बहुमत का अंकगणित भाजपा नेतृ्त्व वाले NDA के लिए लोकसभा ही नहीं राज्यसभा में भी राह की बाधा बनने के आसार हैं. लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में अपने दम पर बहुमत नहीं जुटा पाने वाली भाजपा राज्यसभा में भी बहुमत से दूर हो गई है. ऐसे में मानसून सत्र के दौरान पेश होने वाले बिलों को निचले सदन के बाद ऊपरी सदन में मंजूर कराने के लिए सरकार को नाको चने चबाने होंगे. इसी कारण मोदी सरकार ने मानसून सत्र की शुरुआत से पहले 22 जून को सभी दलों की बैठक बुलाई है ताकि अहम बिलों पर आपस में सहमति बनाई जा सके.
क्या है राज्यसभा का अंकगणित
- राज्यसभा में अधिकतम 250 सीट हो सकती हैं, जिनमें से 238 सीटों पर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि निर्वाचन के जरिये आते हैं और 12 सीट पर राष्ट्रपति सदस्यों को नामित करते हैं.
- राज्यसभा में फिलहाल 19 सीट खाली हैं और 226 सीट भरी हुई हैं. इनमें भाजपा के 86, कांग्रेस के 26 और टीएमसी के 13 मेंबर हैं.
क्या है राज्यसभा में बहुमत का गणित
भाजपा नेतृत्व वाले NDA के पास राज्यसभा में कुल 105 सीट थीं, जो शनिवार को चार नामित सांसदों का कार्यकाल पूरा होने के बाद घटकर 101 रह गई हैं. राज्यसभा की मौजूदा संख्या के लिहाज से बहुमत के लिए 113 सीट की जरूरत है. इस लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के पास अपने सहयोगियों के साथ मिलकर भी किसी बिल को पारित कराने की ताकत नहीं है. इसके लिए उसे विपक्षी दलों के बीच आम सहमति की राह जुटानी होगी.
क्या खाली सीटों पर चुनाव से मिलेगी राहत?
राज्यसभा की 19 खाली सीटों में से 4 जम्मू-कश्मीर और 4 नामित सदस्यों की सीट हैं. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा फिलहाल एक्टिव नहीं होने के कारण उन 4 सीट पर चुनाव नहीं हो सकता. बाकी 4 नामित सदस्य सरकार को नियुक्त करने हैं. नामित सदस्य आमतौर पर नियुक्त करने वाली सरकार के समर्थन में ही वोट डालते हैं यानी इनके नामांकन से भाजपा को फायदा होगा. बाकी की 11 सीट पर सदस्य चुनाव के जरिये चुने जाएंगे. इनमें से कई सीट राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव लड़कर जीत जाने के कारण खाली हुई हैं. ये सीट असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना समेत कई राज्यों में हैं. इन सीटों पर यदि चुनाव होता है तो राज्य विधानसभाओं और विधानपरिषदों के गणित के हिसाब से बिहार, महाराष्ट्र और असम में 2-2 सीट के अलावा त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी NDA 1-1 सीट ले सकता है. ऐसा हुआ तो NDA को राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा छूने का मौका मिल सकता है.
इन खास बिलों को पारित कराने पर है मोदी सरकार की नजर
- IT Act की जगह लेने वाला डिजिटल इंडिया एक्ट.
- बीज कानून 1966 की जगह बीज बिल (संशोधन).
- बिजली (संशोधन) बिल 2022 को दोबारा पेश करेंगे.
- बीमा सुधार कानून के जरिये FDI लिमिट को बढ़ाना.
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