डीएनए हिंदी: सर्दियों का मौसम चल रहा है. ऐसे में मूंगफली खाना हर किसी को पसंद होता है. स्वाद के साथ-साथ ये सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं. वहीं दाम में सस्ती होने के कारण इन्हें गरीबों का बादाम कहा जाता है.
इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. पोटैशियम, आयरन, जिंक और विटामिन-ई के गुणों से भरपूर मूंगफली सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करती है. हालांकि बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि मूंगफली खाने से शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है.
अस्थमा के मरीजों को मूंगफली खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं अधिक मात्रा में मूंगफली का सेवन करने से पाचन भी खराब हो सकता है. इसके चलते आपको कब्ज, गैस, एसिडिटी और सीने में जलन जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
आर्थराइटिस या ज्वाइंट पेन की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी मूंगफली खाने से परहेज करना चाहिए. इसमें लेक्टिन होता है जो दर्द या सूजन को कई गुना बढ़ा सकता है.
साथ ही इन्हें खाने से आपको एलर्जी भी हो सकती है. इसे पीनट एलर्जी के नाम से जाना जाता है. जानकारी के अनुसार, आज से करीब 50 साल पहले मूंगफली से एलर्जी (Peanut allergy) होने की शिकायतें सामने आई थीं. हालांकि भारत, चीन और इजराइल जैसे देशों में पीनट एलर्जी की समस्या काफी कम है.
सबसे पहले इस बीमारी को यूएस में देखा गया था. यहां मूंगफली से एलर्जी की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक ने सलाह दी कि गर्भवती महिलाओं को मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा यह भी बताया गया कि नवजात शिशु की डाइट में बहुत जल्दी मूंगफलियों को शामिल नहीं करना चाहिए.
डॉक्टर्स का मानना था कि इन तरीकों को अपनाकर मूंगफली से होने वाली एलर्जी कम हो जाएगी लेकिन बाद किए गए एक शोध में खुलासा हुआ कि ऐसा करने से एकदम उल्टा असर होता है और मूंगफली से एलर्जी की समस्या और बढ़ जाती है.
इसके बाद उसी अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक ने अपना बयान जारी कर कहा कि 'सालों पहले बताई गई उनकी सलाह पूरी तरह गलत थी और इस बात के कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं जिससे यह सिद्ध हो कि प्रेगनेंसी में मूंगफली का सेवन ना करने से मूंगफली से होने वाली एलर्जी में कमी आती है.'