पीएम मोदी के मिस्र दौरे से क्या हुआ हासिल, इस्लामिक देश पर मेहरबान क्यों है भारत?
मिस्र में पिरामिड देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
मिस्र भारत का पुराना सहयोगी देश है. यह 26 साल बात किसी भारतीय प्रधानमंत्री का मिस्र दौरा था. दोनों देशों ने वादा किया है कि अब रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
डीएनए हिंदी: भारत और मिस्र के बीच व्यापारिक और राजनयिक संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद दोनों देश कूटनीतिक तौर पर और करीब आए हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर लंबी बातचीत हुई है. अब कई मोर्चों पर दोनों देश, रणनीतिक साझेदार बन गए हैं.
मिस्र के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर देश की राजकीय यात्रा करने वाले मोदी ने अल-सिसी के साथ आमने-सामने की बातचीत की और इस दौरान उन्होंने क्षेत्र और विश्व में हो रहे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की समीक्षा की. यह 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल-सिसी ने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश संबंधों, वैज्ञानिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करने के लिए व्यापक बातचीत के बाद रणनीतिक साझेदारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए.
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कौन-कौन से समझौतों पर हुए हस्ताक्षर?
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, 'रणनीतिक साझेदारी पर समझौते के अलावा, दोनों देशों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा संरक्षण और प्रतिस्पर्धा कानून पर तीन अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए.'
अल-सिसी ने मोदी को मिस्र के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से भी सम्मानित किया, जो अलग-अलग देशों की ओर से प्रधानमंत्री को प्रदान किया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'मैं बड़ी विनम्रता के साथ 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' स्वीकार करता हूं. मैं इस सम्मान के लिए मिस्र की सरकार और लोगों को धन्यवाद देता हूं. यह भारत और हमारे देश के लोगों के प्रति उनके सद्भाव और स्नेह को दर्शाता है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल-सिसी ने जी-20 में आगे के सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक दक्षिण के लिए एक ठोस आवाज उठाने की आवश्यकता के मुद्दों का जिक्र किया गया. प्रधानमंत्री ने अल-सिसी को सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया.
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मिस्र के लिए पीएम मोदी ने क्या दिया संदेश?
रविवार शाम स्वदेश रवाना हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा, 'मिस्र की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही. इससे भारत-मिस्र संबंधों में नई ऊर्जा आएगी और हमारे देशों के लोगों को फायदा होगा. मैं राष्ट्रपति अल-सिसी, सरकार और मिस्र के लोगों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं.'
अल हाकिम मस्जिद भी पहुंचे थे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने 11वीं सदी की ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद का भी दौरा किया, जिसका दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से जीर्णोद्धार किया गया था. दाऊदी बोहरा समुदाय का भारत, विशेष रूप से प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के साथ मजबूत संबंध है. प्रधानमंत्री ने हेलियोपोलिस राष्ट्रमंडल युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया जहां उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मिस्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'भारत के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि, जिनके साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकता. हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक पर, मैंने मिस्र में प्रथम विश्वयुद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी." प्रधानमंत्री मोदी और उनके मिस्र के समकक्ष मुस्तफा मैडबौली ने काहिरा के बाहरी क्षेत्र में गीज़ा के प्रतिष्ठित पिरामिडों का भी दौरा किया.'
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पीएम मोदी ने कहा, 'मैं पिरामिडों में मेरे साथ आने के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं. हमने अपने राष्ट्रों के सांस्कृतिक इतिहास और आने वाले समय में इन संबंधों को कैसे गहरा किया जाए, इस पर गहन चर्चा की.'
इस्लामिक देश पर मेहरबान क्यों है भारत?
भारत, सांस्कृतिक संबंधों से इतर, व्यापारिक तौर पर भी एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. भारतीय कंपनियों ने मिस्र में केमिकल, एनर्जी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब 3.2 अरब डॉल का निवेश किया है. अब भारत फर्टिलाइजर और गैस का भी ट्रेड शुरू कर सकता है. भारत मिस्र के लिए अरबों डॉलर की क्रेडिट लाइन भी कोल सकता है. मिस्र के लिए यह राहतभरी खबर है.
मिस्र में पीएम मोदी का कैसा रहा शेड्यूल?
प्रधानमंत्री शनिवार दोपहर यहां पहुंचे और हवाई अड्डे पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया, जहां उन्होंने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया. मैडबौली ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. बाद में, मोदी ने मैडबौली के नेतृत्व वाली मिस्र की इंडिया यूनिट के साथ बैठक की, जो भारत के साथ संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए अल-सिसी द्वारा गठित उच्चस्तरीय मंत्रियों का एक विशेष समूह है.
शनिवार को, प्रधानमंत्री ने मिस्र के मुफ्ती ए आजम शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लम से मुलाकात की, और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने, चरमपंथ और कट्टरपंथ का मुकाबला करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. मोदी ने मिस्र में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की जिन्होंने उनकी प्रशंसा की और उन्हें 'भारत का नायक' बताया.
प्रधानमंत्री ने मिस्र में प्रमुख हस्तियों से भी मुलाकात की, जिनमें पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीकी क्षेत्र में काम करने वाली मिस्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हसन अल्लम और प्रसिद्ध लेखक और पेट्रोलियम रणनीतिकार तारेक हेग्गी शामिल थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने दो प्रमुख युवा योग प्रशिक्षकों-रीम जाबक और नाडा एडेल के साथ भी गर्मजोशी से बातचीत की. उन्होंने योग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी प्रशंसा की और उन्हें भारत आने के लिए प्रोत्साहित किया. (इनपुट: भाषा)
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