डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पूरी करके देश वापस लौट आए हैं. प्रधानमंत्री जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे, हजारों की संख्या में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता उमड़ पड़े. उनके स्वागत में विदेशमंत्री और जेपी नड्डा भी वहां मौजूद रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को शुक्रिया कहा और कहा कि लोग भारत की तारीफ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में कहीं भी हमें धार्मिक स्थल पर कोई हमला स्वीकार्य नहीं है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं जितने भी नेताओं से मिला और जिन सभी हस्तियों से मैंने बात की वे मंत्रमुग्ध थे और जितनी कुशलता के साथ भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है उसके लिए उन्होंने भारत की सराहना की। यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है.'
'तीर्थ क्षेत्रों पर हमले नहीं हैं स्वीकार'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं आप से भी यही कहूंगा कि हिंदुस्तान की संस्कृति, महान परंपरा के बारे में बोलते हुए कभी भी गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना, हिम्मत के साथ बात कीजिए. दुनिया सुनने को आतुर है. जब मैं यह कहता हूं कि हमारे तीर्थ क्षेत्रों पर हमले स्वीकार नहीं हैं तो दुनिया भी मेरे साथ दिखती है.
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पीएम मोदी ने कहा, 'भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पीएम का आना हम सभी के लिए गौरव की तो बात है ही, लेकिन इतना ही नहीं, उस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री भी थे. विपक्ष के सांसद थे, सत्ता पक्ष के सांसद थे. सब के सब मिलजुल कर भारतीय समुदाय के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. ये यश मोदी का नहीं है, हिंदुस्तान के पुरुषार्थ का है. 140 करोड़ हिन्दुस्तानियों के जज्बे का है.'
प्रधानमंत्री ने क्यों विदेशी मंदिरों में हमले का किया जिक्र?
बीते कुछ दिनों में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में हिंदू धर्म के मंदिरों को निशाना बनाया गया है. सिडनी में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई थी. कनाडा के कुछ मंदिरों में हाल के दिनों में हमले सामने आए थे. मार्च में ब्रिस्बेन में एक प्रमुख हिंदू मंदिर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया था. यह 2 महीनों में ऑस्ट्रेलिया के मंदिरों पर हमले की चौथी घटना थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के सामने इन मुद्दों को उठाया है. उन्होंने उचित एक्शन की बात कही है. दरअसल बीते कुछ दिनों से खालिस्तानी विदेशी जमीन पर हिंदू मंदिरों को निशाना बनाकर भारत सरकार पर अलगाव के लिए दबाव बढ़ाना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री ने की किन देशों की यात्रा?
प्रधानमंत्री सबसे पहले जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा गए। इसके बाद वह पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा उस हिंद-प्रशांत देश की यह पहली यात्रा थी. मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के आमंत्रण पर सिडनी की यात्रा भी की.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने समय का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए किया. आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं लोगों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अन्य देशों को टीके देने के फैसले पर सवाल उठाए थे.
पीएम मोदी ने बुद्ध और युद्ध, दोनों पर दिया संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'याद रखें, यह बुद्ध की भूमि है, यह गांधी की भूमि है. हम अपने दुश्मनों की भी फिक्र करते हैं, हम करुणा से भरे लोग . दुनिया भारत की कहानी सुनने के लिए उत्सुक है और भारतीयों को कभी भी अपनी महान संस्कृति तथा परंपराओं के बारे में बात करते हुए गुलाम मानसिकता नहीं रखनी चाहिए, बल्कि साहस के साथ अपनी बात रखनी चाहिए.
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