प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रविवार को द्वारका और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले अत्याधुनिक सुदर्शन सेतु (Sudarshan Setu) का लोकार्पण कर दिया है. यह भारत का सबसे लंबा केबल आधारित पुल है.
प्रधानमंत्री मोदी आज गुजरात दौरे पर हैं. उन्होंने बेट द्वारका मंदिर में पूजा और दर्शन किया. उन्होंने सुबह 8:25 पर सुदर्शन सेतु का भी उद्घाटन किया.
पुल के लोकार्पण से इस रूट पर श्रद्धालु आसानी से जा सकेंगे. द्वारका और बेट द्वारका की यात्रा करने वाले यात्रियों को इस भक्ति मार्ग पर कई चमत्कार नजर आने वाले हैं.
सुदर्शन सेतु की एक अरसे से मांग हो रही थी. इस केबल ब्रिज को बनाने में कुल 980 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. तारों पर बना यह पुल देश का सबसे खूबसूरत केबल ब्रिज बन गया है.
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आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट के बारे में सबकुछ.
- यह पुल करीब 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
- यह पुल करीब 2.32 किलोमीटर लंबा है. अब यह देश का सबसे लंबा केबल आधारित पुल बन गया है.
- पुल के दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजे फुटपाथ भी हैं.
- दिलचस्प बात यह है कि फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है.
- पुल के निर्माण से पहले, बेट द्वारका की तीर्थयात्रा पर जाने वालों के पास नावों पर निर्भर रहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था.
- यह प्रोजेक्ट कुशल इंजीनियरिंग का कमाल है.
- देवभूमि द्वारका में पर्यटन के लिहाज से भी यह ब्रिज बेहद अहम है.
बेट द्वारका कहां है?
बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. यहां भगवान श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है.
सेतु के निर्माण से पहले तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नौका परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था. इस पुल के निर्माण से वे कभी भी यात्रा कर सकेंगे.
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