डीएनए हिंदी: 35 दिनों की लुका-छुपी के बाद वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह गिरफ्तार हो गया है. खालिस्तानी नेता की तलाश में पंजाब पुलिस ने कई राज्यों की खाक छानी है. अलगाववादी को रविवार सुबह मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि उसे घेर लिया गया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी. उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है. वहीं यह खालिस्तानी, अपने आंदलोन के राज उगलेगा.
डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में चप्पे-चप्पे पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है. असम पुलिस ने जेल कंपाउड को पूरी तरह से घेर लिया है. वहां ब्लैक कैट कमांडों से लेकर सीआरपीएफ (CRPF) तक तैनात है. जेल के अंदर भी सुरक्षाव्यवस्था बढ़ा दी गई है.
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असम में भी हाई अलर्ट
डिब्रूगढ़ ट्रैफिक पुलिस को भी एयरपोर्ट से लेकर जेल तक 15 किलोमीटर लंबी सड़क पर नजर रखने के लिए अलर्ट कर दिया गया है. सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों के साथ एक स्पेशल टीम भी लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह को एक विशेष विमान से लाया जा रहा है, जिसने बठिंडा से सुबह 8.25 बजे उड़ान भरी थी.
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अमृतपाल सिंह का पूरा गैंग है असम में बंद
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने एक महीने से अधिक समय तक फरार रहने के बाद सुबह करीब 6.45 बजे उत्तरी राज्य के रोडे गांव से गिरफ्तार किया था. कुल मिलाकर उसके 9 सहयोगी वर्तमान में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं. 19 मार्च को वारिस पंजाब डे के चार सदस्यों को पहले जत्थे में यहां लाए जाने के बाद से जेल परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
क्यों असम भेजा गया है अमृतपाल सिंह?
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने अमृतपाल सिंह को असम भेजने का फैसला इसलिए किया है कि वहां सिख आबादी न के बराबर है. अमृतपाल सिंह के समर्थक वहां हंगामा नहीं मचा सकते हैं. पंजाब के पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में सिखों की बड़ी आबादी रहती है. दिल्ली और यूपी पंजाब से नजदीक हैं लेकिन यहां भी सिख आबादी बड़ी संख्या में है. किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है.
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खालिस्तानियों के उपद्रव का सता रहा डर
असम और पंजाब पुलिस को अब खालिस्तानियों के उपद्रव का डर सता रहा है. अमृतपाल सिंह ने पूरे राज्य को अशांत कर दिया है. एक बार फिर से पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट शुरू करने में अमृतपाल सिंह का बड़ा हाथ है. अब दोनों राज्यों की पुलिस को खालिस्तानियों के हंगामे का डर सता रहा है.
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