Russia-Ukraine War: क्या होते हैं मानव गलियारे, कैसे युद्ध के दौरान मिलती है इससे मदद?

| Updated: Mar 20, 2022, 07:35 AM IST

humanitarian corridors

मुश्किल परिस्थितियों में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए ह्युमेटेरियन कॉरिडोर बनाया जाता है.

डीएनए हिंदी: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच भीषण जंग जारी है. युद्ध के बीच रूस ने स्थानीय लोगों को चेर्निहाइव, सुमी, खारकीव, मारियुपोल और कीव शहरों से निकलने की इजाजत दी है. रूस ने बचाव अभियान के लिए कई मानव गलियारों (Humanitarian Corridors) के रूट तय किए हैं.

युद्ध के वक्त इन मानव गलियारों में मानवीय मदद, खाना और मेडिकल सहायता पहुंचाई जाती है. चिन्हित कॉरिडोर पर लोगों को आने-जाने की इजाजत दी जाती है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक बीते 3 सप्ताह के भीतर यूक्रेन छोड़कर 31 लाख से ज्यादा लोग पड़ोसी देशों में चले गए हैं.

यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड ने शरणार्थियों की संख्या बताई है. वहां करीब 20 लाख लोग पहुंचे हैं. ज्यादातर लोग ह्युमैटेरियन कॉरिडोर के जरिए पड़ोसी देशों की सीमाओं तक पहुंचे हैं. युद्ध के अलावा भी कई तरह की परिस्थितियों में मानव गलियारे की जरूरत पड़ती है. 

यूक्रेन को तबाह होने से कैसे बचा सकते हैं Volodymyr Zelenskyy?

यूक्रेन के किन शहरों में बने मानव गलियारे?

युद्ध की स्थिति में अगर कोई देश मानव गलियारे की इजाजत देता है तो इसका मतलब है कि उस क्षेत्र विशेष में वह फायरिंग या बमबारी नहीं करेगा. चेर्निहाइव, सुमी, खारकीव, मारियुपोल और कीव के लिए रूस ने सीजफायर का ऐलान किया है. रूस का मकसद है कि इन क्षेत्रों से जो नागरिक या प्रवासी बाहर निकलना चाहते हों, वे निकल जाएं.

क्या होते हैं मानव गलियारे?

मानव गलियारे लोगों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए बनाए जाते हैं. यूक्रेन के कुछ शहरों में मानव गलियारे के लिए रूट तय किए गए हैं. उन इलाकों में सेनाएं न तो फायरिंग करती हैं, न ही आम नागरिकों को परेशान किया जाता है. यह मानवीय आधार पर मदद के लिए बनाए जाते हैं. इन गलियारों में तमाम संस्थाएं लोगों तक उनकी जरूरतों के सामान पहुंचाती हैं, लोगों को खाना और दवाइयां दी जाती हैं. यह एक तय रूट होता है जिसके जरिए सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा जाता है. यूक्रेन में भी ह्युमैटेरियन कॉरिडोर के रास्ते लोग पड़ोसी देशों तक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

कितने होते हैं सुरक्षित?

यह पूरी तरह से ह्युमैटेरियन कॉरिडोर तय करने वाले समर्थ देश पर निर्भर है. युद्ध की स्थिति में अगर कोई देश तय अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को मानता है तो यह सुरक्षित हो सकता है. कॉरिडोर वाले इलाके में पूरी तरह से सीज फायर लागू होता है. यूक्रेन से निकलने के लिए रूस ने बेलारूस की ओर जाने वाले रूटों को तय किाय है. कई बार सीज फायर तोड़ने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसकी वजह से लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू प्रभावित हुआ है. रूस आरोप लगाता रहा है कि ह्मुटैरियन कॉरिडोर की राह में यूक्रेन गोलीबारी कर रहा है, वहीं यूक्रेन का कहना है कि रूस सीज फायर तोड़ रहा है.

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

यह भी पढ़ें-
DNA एक्सप्लेनर : कौन से देश हैं NATO में? क्या है यह संस्था?
DNA एक्सप्लेनर: क्यों पश्चिमी देश Ukraine के भविष्य पर चिंतित हैं, क्या चाहता है Russia?