Russia Ukraine War: यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सेना क्यों नहीं भेज रहा अमेरिका?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 07, 2022, 10:30 AM IST

Russia Ukraine War Why is America not sending its army to help Ukraine

अमेरिका का मानना है कि रूस और उसकी सेना एक-दूसरे के साथ भिड़ेंगे तो विश्वयुद्ध हो जाएगा.

डीएनए हिंदीः यूक्रेन पर रूसी हमले (Russia Ukraine War) का आज 12वां दिन है. यूक्रेन अकेले ही रूस की सेना से मुकाबला कर रहा है. उसे पहले उम्मीद थी कि अमेरिका (America) और यूरोपीय देश उसकी युद्ध में मदद करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए लेकिन इससे अधिक वह यूक्रेन के लिए कुछ नहीं कर सका. पूरे युद्ध में सबसे बड़ा सवाल अमेरिका पर खड़ा किया जा रहा है. युद्ध से पहले अमेरिका लगातार रूस को यूक्रेन पर हमले को लेकर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देता रहा, लेकिन जब युद्ध हुआ तो राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिकी सेना यूक्रेन में रूसी सेना के साथ नहीं टकराएगी. 

अमेरिका को तीसरे विश्व युद्ध का डर
अमेरिका साफ कर चुका है कि वह इस युद्ध में यूक्रेन की मदद नहीं करेगा. इसके पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है अगर रूस और अमेरिकी सेना एक-दूसरे के साथ भिड़ेंगे तो विश्वयुद्ध हो जाएगा. दूसरे शब्दों में कहें तो जैसे ही अमेरिकी सेना यूक्रेन में घुसेगी यह वैश्विक युद्ध में तब्दील हो जाएगा. अमेरिका का मानना है कि उससी मदद के बाद कई और देश भी इस युद्ध में शामिल हो सकते हैं जिसके नतीजे पूरे विश्व को भुगतने पड़ सकते हैं. 

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कूटनीतिक कारण भी है जिम्मेदार
अमेरिका के सेना नहीं भेजने के पीछे कूटनीतिक कारण भी है. यूक्रेन अमेरिका का पड़ोसी देश नहीं है और न ही उसका कोई सैन्‍य अड्डा अमेरिका में है. इसी तरह सेना भेजने से उसका भविष्य में रूस के साथ तेल व्यापार भी प्रभावित हो सकता है. वहीं अमेरिका अभी कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा है. यदि वह सेना भेजता है तो रूस उस भी हमला कर सकता है, जिससे हालात और खराब हो जाएंगे. 

रूस सबसे बड़ी परमाणु ताकत
अमेरिका और पश्चिमी देशों को रूस लगातार परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है. रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम है. आंकड़ों के मुताबिक रूस के पास 6255 परमाणु बम (Nuclear bomb) हैं, जबकि अमेरिका के पास 5550 परमाणु बम हैं. पश्चिमी देशों में ब्रिटेन की बात करें तो उसके पास सिर्फ 225 परमाणु बम हैं. वहीं फ्रांस के पास 290 परमाणु बम हैं.  

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विश्व की दूसरी सबसे बड़ी वायुसेना रूस के पास 
दुनियाभर में हवाई ताकत के मामले में रूस का स्थान अमेरिका के बाद दूसरा है. रूस के पास कुल 4173 विमान हैं, जिनमें 772 लड़ाकू, 739 अटैक, 445 ट्रांसपोर्ट, 552 ट्रेनर, 132 स्पेशल मिशन, 20 टैंकर, 1543 हेलीकॉप्टर और 544 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं.

रॉकेट इंजन के लिए अमेरिका रूस पर निर्भर
अमेरिका ने रूस पर कड़े कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. रूस ने अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में अमेरिका पर भी कड़ा प्रहार किया है. रूस ने अमेरिका को रॉकेट इंजन की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscomos) ने खुद इसकी जानकारी दी है. इतना ही नहीं इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में भी रूसी इंजन लगे हैं. ऐसे में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के सामने उसे रूस  के बिना संचालित करना संभव नहीं है. ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देश अपनी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस पर निर्भर हैं.  

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