डीएनए हिंदी: Rajasthan News- राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को राजस्थान की सियासत में नया भूचाल पैदा किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पायलट ने राज्य में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया. जयपुर के शहीद स्मारक पर यह अनशन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक करीब 5 घंटे चला. इस दौरान पायलट ने मौन साधे रखा, लेकिन अनशन खोलने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं पर अपरोक्ष हमला करते हुए विपक्षी भाजपा को भी निशाने पर लिया.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं पायलट के अनशन पर बैठने से लेकर मीडिया से बात करने तक की सारी जानकारी.
1. दिल्ली से नहीं पहुंचे रंधावा, सचिन पायलट ने शुरू किया अनशन
वसुंधरा राजे पर मुख्यमंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने के आरोप कांग्रेस लंबे समय से लगा रही है. सचिन पायलट ने इन आरोपों पर अब तक जांच नहीं कराने के मुद्दे पर अशोक गहलोत को कटहरे में खड़ा किया था. उन्होंने 9 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को अनशन पर बैठने की घोषणा की थी. इसके तत्काल बाद कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को गहलोत और पायलट के बीच एक बार फिर सुलह कराने का निर्देश दिया था. इसके लिए रंधावा के मंगलवार सुबह जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम था. माना जा रहा था कि वे पायलट के अनशन से पहले ही जयपुर पहुंचकर बीच की राह निकालेंगे. रंधावा जयपुर नहीं पहुंचे. इसके चलते सुबह 11 बजे सचिन पायलट ने अपना अनशन शुरू कर दिया.
2. एक अनशन से साध लिए हैं पायलट ने दो निशाने
माना जा रहा है कि पायलट ने इस अनशन के जरिये 'एक तीर से दो निशाने' साधे हैं. उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की मुश्किलें बढ़ाई हैं. साथ ही अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री व अपने विरोधी पक्ष के नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को 'कमजोर मुख्यमंत्री' दिखाने की भी कोशिश की है. इसके साथ ही अनशन स्थल पर पायलट के समर्थन में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी. इससे उन्हें पार्टी हाईकमान के सामने शक्ति प्रदर्शन का भी मौका मिला है.
3. कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में आया उबाल
पायलट के अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में भी उबाल है. खबर है कि पायलट समर्थक विधायक भी इस कदम से बहुत खुश नहीं हैं. हालांकि कहा जा रहा है कि खुद पायलट ने ही अपने समर्थक विधायकों को भी अनशन से दूर रखा है. मंच के पोस्टर में भी राजनीतिक चेहरों को नहीं रखकर इस पूरे आयोजन को अराजनीतिक बनाने की कोशिश की गई है.
4. पायलट का अनशन शुरू होते ही गहलोत भी हो गए एक्टिव
सचिन पायलट का अनशन शुरू होते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी तत्काल एक्टिव हो गए. उन्होंने बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इसमें वह कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. इससे पहले पायलट का अनशन शुरू होने के बाद गहलोत ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने अपनी तरफ से किए गए काम गिनाए. साथ ही साल 2030 तक राजस्थान को भारत का नंबर-1 राज्य बनाने का दावा भी किया.
5. मंच कांग्रेस नेता का, नारे जय श्रीराम के?
शाम करीब 4 बजे सचिन पायलट ने समर्थकों के हाथों से मिठाई खाकर अपना अनशन खत्म किया. हालांकि इस दौरान उनके मंच से भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए गए. इन नारों को भी राजनीतिक विशेषज्ञ अलग नजरिये से देख रहे हैं. जय श्रीराम के नारे भाजपा की पहचान हैं. पिछले साल पायलट के भाजपा में जाने की चर्चा बेहद जोरशोर से चली थी. पायलट के सखा और कांग्रेस छोड़कर भाजपा के केंद्रीय मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस मामले में एक्टिव बताए गए थे. उस समय हालांकि यह सारा मामला हवाहवाई निकला था. माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे की तरफ से इस मामले में भाजपा हाईकमान पर दबाव बनाए जाने से भी यह गठजोड़ परवान नहीं चढ़ सका था, लेकिन अब राजे पर ही हमला बोलकर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए पायलट ने फिर से अफवाहों को बल दिया है.
अनशन खत्म करने के बाद कही पायलट ने ये बातें
- हमने सरकार बनने पर वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर एक साल में कार्रवाई की ठानी थी. अब तक कुछ नहीं हुआ, इसलिए मैंने अनशन किया है.
- चार साल के दौरान मुख्यमंत्री को दो-दो बार पत्र लिखने पर भी जवाब नहीं मिला, इस कारण हमने अनशन के जरिये सरकार को चेताने की ठानी.
- पार्टी की आंतरिक बात तब होती, जब ये संगठन से जुड़ा मामला होता. ये भ्रष्टाचार का मामला है. उम्मीद है इस मुहिम को पूरे देश में बढ़ावा मिलेगा.
- चुनाव में वोट मांगते समय लोगों को हमारी कथनी-करनी में अंतर नहीं लगना चाहिए. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
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