Space में जमा कचरा क्यों बन रहा इंसानों के लिए खतरा? जानिए क्यों उठ रही नए नियमों की मांग

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Aug 08, 2022, 07:29 PM IST

बड़ा खतरा है स्पेस का कचरा

Space Science News in Hindi: अंतरिक्ष में लगातार सैटेलाइट भेजने की वजह से बहुत सारा कचरा जमा हो गया है. यह कचरा धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब बड़ा खतरा बनता जा रहा है.

डीएनए हिंदी: बीते कुछ सालों में अंतरिक्ष (Space) से कुछ चीजें गिरने की वजह से कई हादसे हुए हैं. स्पेस का कचरा (Space Junk) पृथ्वी पर गिरने से और भी बड़े हादसे हो सकते हैं और लोगों की जान जा सकती है. यही वजह है कि इस मुद्दे पर लंबे समय से चर्चा हो रही है. मांग की जा रही है कि इस दिशा में सख्त नियम बनाए जाएं ताकि दुनिया को ऐसे हवाई खतरों से बचाया जा सके. स्पेस में जमा यह कचरा पृथ्वी से भेजे गए सैटलाइट और अंतरिक्ष मिशन (Space Mission) का ही टूटा हुआ हिस्सा या खराब पड़ा सैटलाइट होता है. ऐसी चीजें हवाई जहाजों के लिए भी बड़ा खतरा हो सकती हैं.

स्पेस से गिरने वाली चीजों की स्पीड बहुत ज्यादा होती है. यह स्पीड इतनी ज्यादा होती है कि जहां ये टुकड़े गिरते हैं वहां कई फीट गहरा गड्ढा हो जाता है. अगर यह कचरा किसी इमारत, गाड़ी या इंसान के ऊपर गिर जाए तो लोगों की जान भी जा सकती है. यही वजह है कि पिछले कई सालों से इस दिशा में चर्चा हो रही है कि स्पेस के कचरे को किसी तरह से कम किया जाए.

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सैकड़ों बार पृथ्वी पर गिर चुका है अंतरिक्ष का कचरा
यूरोप की स्पेस एजेंसी के मुताबिक, साल 1971 से साल 2018 के बीच अंतरिक्ष से गिरने वाले कचरों की संख्या लगभग 260 थी. ये पॉइंट नीमो नाम की जगह पर गिरे. इसी वजह से इस जगह को स्पेस के कचरे का कब्रिस्तान कहा जाता है. यही वजह है कि स्पेस के कचरे को लेकर सख्त नियम बनाने की बात कही जा रही है.

स्पेस साइंस की दुनिया में मांग उठ रही है कि सैटलाइट और ज्यादा ऊंचाई पर स्थापित किए जाएं ताकि इनके गिरने का खतरा कम किया जा सके. इसके अलावा, कुछ ऐसे तरीके ईजाद करने की भी कोशिश की जा रही है जिससे स्पेस में मौजूद कचरे को इकट्ठा करके वापस धरती पर लाया जा सके. हालांकि, यह काम काफी पेचीदा और खर्चीला भी है.

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Space में कहां से आता है कचरा?
दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां अलग-अलग ग्रहों और उपग्रहों के अध्ययन के लिए अलग-अलग मिशन भेजते हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर तो हमेशा अंतरिक्ष यात्री जाते ही रहते हैं. सैटलाइट लॉन्च करने के लिए जो रॉकेट इस्तेमाल किए जाते हैं उनके कुछ टुकड़े अंतरिक्ष में ही रह जाते हैं. साथ ही, पुराने सैटलाइट भी जब धीमे हो जाते हैं तो वे अपनी कक्षा छोड़कर पृथ्वी के करीब आ जाते हैं और एक सीमा के बाद पृथ्वी पर गिर जाते हैं.

NASA के मुताबिक, अंतरिक्ष में लगभग 23 हज़ार से भी ज्यादा छोटे-बड़े टुकड़े मौजूद हैं जो पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं 1 सेंटीमीटर आकार के लगभग पांच लाख टुकड़े अंतरिक्ष में मौजूद हैं. ये टुकड़े सिर्फ़ धरती पर रहने वाले लोगों ही नहीं बल्कि पृथ्वी का चक्कर लगाने वाले सैटलाइट और स्पेस स्टेशन के लिए भी बड़ा खतरा हैं. आपको बता दें कि स्पेस स्टेशन एक दिन में 15-16 बार पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं.

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