US President Election 2024: आसमान से वोट डालेंगी एस्ट्रोनॉट Sunita Williams, क्या है प्रोसेस और कब हुआ पहले ऐसा

कुलदीप पंवार | Updated:Sep 14, 2024, 05:35 PM IST

US Presidential Election 2024: अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा. सुनीत विलियम्स और बुट्च विलमोर इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे हुए हैं. वे वहीं से वोट डालने की तैयारी कर रहे हैं.

US Presidential Election 2024: अमेरिका में इस समय राष्ट्रपति पद के चुनाव का शोर मचा हुआ है. पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर हैं कि रिपब्लिकन कैंडीडेट डोनाल्ड ट्रंप दोबारा जीतते हैं या मौजूदा उपराष्ट्रपति व डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस भारतीय मूल की पहली अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का इतिहास रचती हैं या नहीं. इसके लिए हर अमेरिकी वोटिंग प्रोसेस में भाग लेने के लिए उत्साहित है, जिनमें भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथी बुट्च विलमोर भी हैं. दोनों इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे हुए हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA उन्हें वापस धरती पर लाने में सफल नहीं हो सकी है. अब उन्हें फरवरी, 2025 तक ISS पर रहना है. ऐसे में दोनों ने नवंबर में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति पद की वोटिंग में ISS से ही शिरकत करने का निर्णय लिया है. यह खबर जानने के बाद आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या यह संभव है, क्या यह कानूनन वैध है? अंतरिक्ष से वोट डालने की प्रक्रिया क्या होगी? क्या पहले भी किसी ने ऐसा किया है? चलिए हम आपको इन सब सवालों का जवाब देते हैं.

पहले जान लीजिए अंतरिक्ष से डाले गए वोट की वैधता क्या है?

अमेरिका में अंतरिक्ष यात्रियों को भी चुनावों में वोट करने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए साल 1997 में टैक्सास स्टेट ने एक कानून पारित किया था. इस कानून में कहा गया है कि अंतरिक्ष में मौजूद व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोट कर सकते हैं. यह कानून NASA की मांग पर बनाया गया था, क्योंकि उसके अधिकतर अंतरिक्ष यात्री ह्यूस्टन में रहते हैं, जो टेक्सास में आता है.

अब जान लीजिए अंतरिक्ष से किस प्रक्रिया से होगी वोटिंग

अंतरिक्ष से वोट डालने की प्रक्रिया भी कुछ ऐसी ही है, जिस तरह भारत में सेना, पुलिस या अन्य किसी सरकारी जिम्मेदारी के चलते अपने मतदान स्थल से दूर रहने वाले लोगों को पोस्टल बैलेट से वो डालने की प्रक्रिया होती है. फर्क बस इतना है कि अंतरिक्ष से वोट डालने के लिए पोस्टल नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक बैलेट का प्रयोग किया जाता है. इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों को चुनाव में वोट डालने से जुड़े कुछ पेपर वर्क पूरे करने होते हैं. इसके बाद वे वोट के लिए अपना इलेक्ट्रॉनिक बैलेट मांगते हैं, जो NASA का मिशन कंट्रोल सेंटर उन्हें ईमेल के जरिये भेजता है. ईमेल में मिले बैलेट को भरने के बाद अंतरिक्षयात्री उसे धरती पर संबंधित काउंटी क्लर्क के ऑफिस में भेज देते हैं. सुनीता और बुट्च हाल ही में बता चुके हैं कि वे वोट के लिए अपना बैलेट मांग चुके हैं. 

क्या पहली बार डाला जा रहा है स्पेस से वोट?

अंतरिक्ष से वोट डालने की प्रक्रिया टेक्सास स्टेट द्वारा 1997 में कानून बनाने के बाद से ही चल रही है. अंतरिक्ष में रहते हुए वोट डालने वाले पहले एस्ट्रोनॉट डेविड वोल्फ थे. इसके बाद भी कई अंतरिक्ष यात्री ऐसा कर चुके हैं. खुद सुनीता विलियम्स भी इससे पहले साल 2016 और 2020 में अंतरिक्ष से ही वोट डाल चुकी हैं.

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