डीएनए हिंदी: 2024 के आम चुनावों से पहले, अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. हिंदुओं का एक बड़ा तबता राम मंदिर आंदोलन के पूरे होने का स्वप्न देखता रहा है. भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु मंदिर से जुड़ी पूजन सामग्री अयोध्या भेज रहे हैं. जहां पूरा देश राममय हो रहा है और लोग खुलेआम मंदिर के लिए अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं, वहीं विपक्षी नेता देश के मूड को समझने में फेल साबित हो रहे हैं. कम से कम समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के भड़काऊ बयान तो यही इशारा कर रहे हैं.
अखिलेश यादव इस तैयारी में हैं कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को पटखनी दे देंगे. लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेता सपा की इस मंशा के सबसे बड़े विरोधी साबित हो रहे हैं. उनके बयान सपा के खिलाफ जमीनी स्तर पर माहौल तैयार कर रहे हैं. सपा के लिए कहा जा सकता है कि अगर आपके पास स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे दोस्त हैं तो आपको दुश्मन की जरूरत नहीं है.
अब क्या कहा स्वामी प्रसाद मौर्य ने
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है, 'कारसेवकों पर जब तत्कालीन सरकार ने गोली चलाने की आदेश दिया तो कानून सम्मत था. उस समय की सरकार ने वही किया जो कानून की हिफाजत के लिए जरूरी था. संविधान की रक्षा के लिए, अमन चैन बरकरार रहे इसके लिए फैसला लिया गया था. सरकार ने तो अपने कर्तव्यों का पालन किया था.'
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हिंदू विरोधी बयानों से सपा को झटका दे रहे स्वामी प्रसाद
स्वामी प्रसाद मौर्य ने न केवल हिंदू धर्म बल्कि रामचरितमानस के खिलाफ भी बार-बार टिप्पणी की है. जहां स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के साथ अपने कार्यकाल के दौरान चुप रहे थे, वहीं समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद वह हिंदू धर्म के मुखर आलोचक बन गए हैं. यहां तक कि अखिलेश यादव भी उन्हें भड़काऊ बयान देने से रोकने में असफल रहे हैं. हाल ही में मौर्य ने कहा था कि हिंदू धर्म एक धोखा है.
'हिंदू एक धोखा है'
मंगलवार को, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को धोखा बताया था. उन्होने कहा था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया है कि हिंदू धर्म जीवन जीने का एक तरीका है. और कोई धर्म नहीं.
स्वाम प्रसाद मौर्य ने हाल ही में कहा था, 'ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं, और सारी असमानता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है; हिंदू धर्म ही है सिर्फ एक धोखा. उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म बताकर इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को फंसाने की साजिश की जा रही है.'
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अखिलेश के लिए मुसीबत बन गए हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य अब अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बन गए हैं. अब राम मंदिर उद्घाटन से पहले समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कार सेवकों पर फायरिंग को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह कानून के मुताबिक था और उस समय की सरकार ने कानून की रक्षा के लिए जो जरूरी था वह किया.
स्वामी प्रसाद मौर्य मनुवाद का विरोध करते-करते हिंदुओं के विरोध पर उतर आए हैं.अखिलेश यादव खुद मंदिर और हिंदू विरोधी बयान देने से परहेज करते हैं. बसपा भी स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह बयान देने से बचती रही है लेकिन अब वह अखिलेश विरोधी लहर पैदा करने में प्रमुख कारक की भूमिका निभा रहे हैं.
सीट शेयरिंग पर बनी बात तो कांग्रेस का भी बंटाधार करेंगे स्वामी
अगर सपा कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे का समझौता करने में सफल हो जाती है तो स्वामी प्रसाद कांग्रेस के लिए भी खतरा ही साबित होंगे. हिंदूवादियों का एक तबका अपने आप सपा और कांग्रेस से दूर होता चला जाएगा. कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व पॉलिसी को भी नुकसान पहुंच सकता है. स्वामी प्रसाद मौर्य को पता है कि उनके बयान चुनावों में नुकसान पहुंचा सकते हैं फिर भी वह ऐसे बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं.
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ऐसे बयान हिंदूओं के एक बड़े तबके को रास नहीं आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी के खिलाफ लोग मुखर होकर लिख रहे हैं. मौर्य के समर्थक भले ही उनके बयानों पर वाहवाही कर लें लेकिन इसमें यूपी की नंबर 2 पार्टी सपा को ही नुकसान पहुंचा. उनके बयानों से नाराज तबका बीजेपी का रुख कर सकता है. ऐसे वक्त में जब देश में राम की लहर चल रही हो, बीजेपी राम केंद्रित अभियान चला रही हो, सपा नेता के ऐसे बयान, सपा ही लुटिया डुबो रहे हैं.
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