डीएनए हिंदी: कर्नाटक के उडुपी वॉशरूम केस को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. एक कॉलेज के बाथरूम के अंदर एक नर्सिंग स्टूडेंट का उसकी 3 साथियों ने वीडियो बनाया और इस मुद्दे पर राज्य में हंगामा बरप गया. वायरल वीडियो को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि अगर मेडिकल कॉलेज में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं तो कहां हैं. स्थानीय पुलिस और नर्सिंग कॉलेज के अधिकारियों के बयानों के बाद भी देशभर में इस मुद्दे को लेकर हंगामा भड़का है.
वीडियो के बारे में यह कई बार कहा जा चुका है कि यह एक प्रैंक वीडियो है जो सिर्फ मनोरंजन के बनाया गया था. पर सवाल यह है कि मौज मस्ती और प्राइवेसी के बीच का अंतर अगर ऐसे काम की वजह से खत्म होता है तो इसे आपराधिक कृत्य क्यों न माना जाए.
बाथरूम में कैमरे को लेकर उठे सवाल
लड़कियों के रूम में ताक-झांक करना, बाथरूम में वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए कैमरे का इस्तेमाल करना, गंभीर अपराध है. उडुपी के कॉलेज में जो कुछ भी हुआ, उसे लेकर हंगामा बरपा है. इस विवाद पर देशभर में आक्रोश की लहर है.
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BJP ने SIT प्रोब की उठाई मांग
राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शनों की वजह से तनाव बढ़ रहा है और भारतीय जनता पार्टी मांग कर रही है कि इस केस की जांच SIT करे. कथित तौर पर वीडियो रिकॉर्ड करने वाली तीन लड़कियों के खिलाफ पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि वीडियो रिकॉर्ड करने वाली छात्राओं को जमानत दे दी गई है.
क्या है छात्राओं पर आरोप?
महिला का प्राइवेट वीडियो वायरल करना, डॉक्यूमेंट बनाना और इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड को नष्ट करने के इस मामले में पुलिस पड़ताल कर रही है. पुलिस ने कथित तौर पर वीडियो शूट करने में शामिल तीन लड़कियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं. फोन की बेंगलुरु के एक लैब में FSL जांच होगी.
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य और पॉलिटीशियन खुशबू सुंदर ने भी इस मुद्दे की जांच करने और एनसीडब्ल्यू को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए उडुपी का दौरा किया. उन्होंने महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया है.
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खुशबू सुंदर ने उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक के साथ बातचीत की और पीड़ित छात्राओं के साथ मुलाकात भी की. छात्राओं का कहना है कि तीन कैमरे बाथरूम में रखे गए थे. एक मोबाइल फोन खिड़की के पास रखा गया था, दो फोन बाथरूम के दोनों तरफ रखे गए थे.
फॉरेंसिक जांच पर टिकी निगाहें
NCW ने कहा है कि आयोग को फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. कॉलेज ने पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी है. हमें जांच में केवल तीन दिन लगे हैं; फोरेंसिक रिपोर्ट महत्वपूर्ण हैं और उसके बाद ही हम कुछ कह सकेंगे. अभी हमारे पास कोई सबूत नहीं है.
NCW ने लोगों से अपील की है कि इस घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए. इस केस की छानबीन होने के बाद ही कुछ कहा जाए. बीजेपी इस केस में कांग्रेस पर हमला बोल रही है. बीजेपी ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. एनसीडब्ल्यू और पुलिस को ठोस सबूत नहीं मिले हैं. पूरे मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की SIT जांच कराई जाए.
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