'Deepfakes भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा,' पीएम मोदी ने जताई चिंता, वजह क्या है

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 17, 2023, 02:32 PM IST

Deepfakes one of India's biggest threats

AI की दुनिया में Deepfakes लोगों की प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा है. भारत जैसे संवेदनशील देश में इसका इस्तेमाल, चिंता की वजह बन रहा है.

डीएनए हिंदी: अर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया के लिए अपार संभावनाएं लाने वाली तकनीक है पर इसके जो खतरे हैं, उन्हें जानकार आप हैरान हो जाएंगे. यहां की क्रिएटिविटी, लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है. डीपफेक्स पर बॉलीवुड सितारों से लेकर सरकार तक टेंशन में आ गई है. इस तकनीक के जरिए कुछ भी किया जा सकता है, किसी को न्यूड किया जा सकता है, किसी का न्यूड वीडियो बनाया जा सकता है, उसे सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया जा सकता है. जहां अफवाहें, सच से ज्यादा तेजी से फैलती हैं. यह लोगों की निजता के लिए बड़ा खतरा है.

रश्मिका मंदाना से लेकर काजोल तक डीपफेक्स का शिकार हो जाती हैं. किसी दूसरे के चेहरे में इनका चेहरा कुछ इस उत्तेजक अंदाज में पेश किया जाता है कि लोगों को लगता है कि यह वीडियो उन्हीं का है. यह सिर्फ उनकी इमेज को बिगाड़ने के लिए किया जाता है. रश्मिका से लेकर काजोल तक को AI के जरिए गलत अंदाज में पेश किया जा चुका है. फेमस कुल्हड़ पिज्जा कपल तक के साथ यह हो चुका है. सितारों के पास अपना पक्ष रखने  के 100 तरीके हैं, पर जब इसका शिकार आम लोग होंगे तो उनके लिए परिस्थितियां भयावह हो सकती हैं.

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क्यों बड़ा खतरा है डीपफेक्स?
जब आम लोगों के फेक MMS जब रियल वीडियोज की तरह शेयर होंगे तो उनका सामाजिक ताना-बाना हिल जाएगा. AI की यह तकनीक, भारत जैसे देश की सामाजिक संरचना को प्रभावित कर सकती है. जिस देश में घूंघट, नकाब, बुर्का और पर्दा प्रथा अस्तित्व में हों, वहां डीपफेक्स बड़ा खतरा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चिंता जाहिर कर चुके हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक्स पर क्या कहा?
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि डीपफेक सबसे बड़े खतरों में से एक है जिससे भारत जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि इससे समाज में अराजकता पैदा हो सकती है. प्रधानमंत्री ने मीडिया से अपील की है कि लोग इसके बारे में समाज को जागरूक करें.

दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में बीजेपी के दिवाली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि जब डीपफेक के लिए AI के दुरुपयोग की बात आती है तो नागरिकों और मीडिया दोनों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है.

क्या होता है डीपफेक्स?
डीपफेक सिंथेटिक मीडिया का एक ऐसा फॉर्मेट है, जिसमें किसी की तस्वीरें, वीडियो और ऑडियो को गलत मंशा के साथ मॉडरेट किया जाता है. देखने में ये वीडियो एकदम रियल नजर आते हैं. ऐसा लगता है कि जैसे कोई सच में ही ऐसा कर रहा हो. इस तकनीक के जरिए किसी से ऐसे काम भी कराए जा सकते हैं जिन कामों को उस शख्स ने कभी न किया हो.

कौन-कौन हो चुके हैं डीपफेक्स के शिकार?
पीएम मोदी खुद डीपफेक्स के शिकार हो चुके हैं. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज चल रहे हैं जिनमें पीएम मोदी गाना गाते, गुनगुनाते नजर आते हैं. पीएम मोदी वह भी कहते नजर आते हैं जो उन्होंने कभी कहा ही नहीं हो. ठीक उसी तरह असदुद्दीन ओवैसी भजन करते नजर आ जाते हैं. औवैसी इस्लाम में आस्था रखते हैं और उन्होंने कभी भजन नहीं गाया है, पर कई वीडियोज में वे गाते नजर आते हैं. स्मृति मंधाना का एक वीडियो ऐसे मॉर्फ्ड किया गया कि उनका डीप क्लीवेज नजर आने लगा. काजोल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. ये सभी गलत मंशा से किए गए हैं, जिसकी वजह से इनकी इमेज प्रभावित हुई है. भारत में ऐसे वीडियोज का बढ़ता चलन चिंताजनक है.