डीएनए हिंदी: भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 'अग्निपथ योजना' (Agneepath Recruitment Scheme) लॉन्च की है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य तीनों सेनाओं में युवाओं को जोड़ना और उन्हें भविष्य के लिए कुशल नागरिक बनाना है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि अग्निपथ योजना (Agnipath Yojna) के ज़रिए सेना को यूथफुल बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस मौके पर तीनों सेनाओं के अध्यक्षों ने भी इस योजना के फायदे गिनाए. आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निवीरों को इंश्योरेंस स्कीम के साथ-साथ भविष्य में नौकरी के अवसर भी भरपूर मिलेंगे.
तीनों सेनाओं के अध्यक्षों की उपस्थिति में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योजना से भारत की सेनाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और युवाओं के भविष्य को भी चार चांद लग जाएंगे. आइए जानते हैं कि यह योजना क्या है और कैसे इसके तहत युवाओं को फायदा देने के लक्ष्य रखा गया है...
इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वालों को 'अग्निवीर' कहा जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निपथ योजना से निकले जवानों को बहुत सारे राज्यों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, मंत्रालयों में नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी. अग्निपथ योजना के लिए देश के ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों से युवाओं को भर्ती किया जाएगा.
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Agniveer बनने की योग्यता क्या होगी?
बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएं. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं.
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Agnipath में भर्ती कैसे होगी?
अग्निपथ योजना के तहत, साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा. इन्हें 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन जवानों को होलोग्राफिक्स, नाइट, फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस किया जाएगा. साथ ही, हैंड हेल्ड टारगेट सिस्टम भी जवानों के हाथ में दिए जाएंगे.
चार साल नौकरी के बाद क्या होगा?
इस तरह चुने गए कैंडिडेट्स, अग्निवीर के तौर पर 4 साल तक सेना में काम करेंगे. चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर सेना की नौकरी छोड़ देंगे. इसके बाद वे समाज में एक स्किल्ड नागरिक के तौर पर वे अनुशासित जीवन जी सकेंगे. मेरिट के आधार पर और सेना की जरूरत के हिसाब से 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर लिया जाएगा. कहा जा रहा है कि अन्य नौकरियों में उन्हें प्राथमिकता भी दी जाएगी.
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अग्निवीरों की सैलरी कितनी होगी?
Agnipath योजना के तहत अग्निवीरों की सालाना सैलरी 4.76 लाख रुपये होगी. चौथे साल में यह सैलरी बढ़कर 6.92 लाख रुपये हो जाएगी. इसके अलावा रिस्क और हार्डशिप पैकेज अलग से दिया जाएगा. सेना में 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद करीब 11.7 लाख रुपये एकमुश्त ब्याज समेत दिया जाएगा. यह पैसा इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होगा.
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शहीद या हादसे का शिकार होने पर क्या होगा?
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने बताया कि अगर इस सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इसके अलावा, शहीद के परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा, शहीद की बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी. सेवा के दौरान अगर जवान दिव्यांग हो जाते हैं तो दिव्यांगता के प्रतिशत के हिसाब से करीब 44 लाख रुपये मिलेंगे. सेवा निधि के अलावा बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी भी जवान को दी जाएगी.
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