डीएनए हिंदी: किसी भी देश की हवाई सीमा में किसी दूसरे देश के विमान का घुसना सामान्य घटना नहीं है. ऐसी हालत में अगर एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defense System) सक्रिय हो तो पल भर में उस विमान को मार गिराया जा सकता है. अचानक एक विमान आने की एक घटना सोमवार को घटी. ईरान से चीन जा रहे एक विमान ने दिल्ली में लैंडिंग की परमिशन मांगी. दूसरी तरफ, विमान में बम की खबरें भी आईं. ये सब होते ही एयर फोर्स के सुखोई विमान पल भर में हवा में उड़ गए और ईरानी विमान के पीछे लग गए. इसे Air Force Scrambling कहा जा रहा है. आखिर में ये विमान बिना रुके ही सीधे चीन चले गए.
यह विमान ईरानी की राजधानी तेहरान से चीन की ओर जा रहा था. अचानक विमान में बम होने की अफवाह उड़ी. विमान भारत के हवाई क्षेत्र में था तो उसने दिल्ली में विमान उतारने की परमिशन मांगी. एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने दिल्ली के बजाय जयपुर या चंडीगढ़ में विमान उतारने का विकल्प दिया लेकिन पायलट विमान मोड़ने को तैयार नहीं थे. मामला फंसता देखता एयरफोर्स ने तुरंत एक्शन लिया.
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यहीं, एयरफोर्स ने अपने जोधपुर बेस से स्क्रैम्बलिंग की कार्रवाई की. इसके तहत, सुखोई-30 MKI ने उड़ान भरी और ईरान के विमान का पीछा कर लिया. तब तक ईरान की सुरक्षा एजेंसियों ने भारत से संपर्क किया और कहा कि विमान में बम होने की बात सिर्फ़ अफवाह है ऐसे में उसे नज़रअंदाज कर दिया जाए. ईरान की ओर से पुष्टि होने के बाद ही भारतीय विमानों ने ईरानी जहाज का पीछा छोड़ा.
Scrambling होती क्या है?
एयरफोर्स की भाषा में स्क्रैम्बलिंग का मतलब है कि किसी इमरजेंसी में तुरंत ऐक्शन लेना. इसमें, इमरजेंसी का पता लगते ही लड़ाकू विमान लेकर हवा में तैनात होना होता है. सूचना मिलने और मोर्चे पर तैनात होने में लगने वाले समय को स्क्रैम्बल टाइम कहा जाता है. जिस देश की एयरफोर्स का स्क्रैम्बल टाइम जितना कम होता है, उसे उतना ही सतर्क और मजबूत माना जाता है.
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कब की जाती है स्क्रैम्बलिंग?
किसी देश की हवाई सीमा में किसी दूसरे देश का विमान घुसने या हवाई हमले की स्थिति में एयरफोर्स अलर्ट हो जाती है. दुश्मन को जवाब देने या इमरजेंसी की स्थिति को संभालने के लिए स्क्रैम्बलिंग की जाती है. इसके लिए, एयरक्राफ्ट के पायलट कम से कम समय में तैयार होते हैं और पलक झपकते ही हवा में पहुंच जाते हैं. आम तौर पर, इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ़ 4-5 मिनट का ही समय लगता है.
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