डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक प्रदेश में बुलडोजर का खौफ छाया हुआ है. प्रदेश के सीएम योगी को बुलडोजर बाबा का नाम तक दे दिया गया है. अपराधियों को भी खौफ रहता है कि पता नहीं कब उनकी तरफ बुलडोजर चल जाए.इन दिनों भी प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाया गया है, जिसके बाद एक बार फिर बुलडोजर चर्चा में हैं. जानते हैं क्या हैं बुलडोजर चलाने के नियम, कहां-कहां हो सकती है बुलडोजर कार्रवाई-
दो मामलों में चलता है बुलडोजर
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि बुलडोजर संबंधी कार्रवाई अवैध संपत्तियों पर ही होती है. मूल रूप से इसके दो कारण सामने आते हैं. पहला यह कि संपत्ति सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई हो.दूसरा यह कि कोई अपराधी फरार हो या सरेंडर ना कर रहा हो, तब उसकी संपत्ति पर कुर्की का आदेश दिया जाता है.
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पहले भेजा जाता है नोटिस
बता दें कि पहली स्थिति में जब किसी व्यक्ति ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके संपत्ति बनाई हो तब उसे ध्वस्त करने से पहले नोटिस भेजा जाता है. जिस दिन बुलडोजर चलाया जाता है उस दिन उस जगह के आस-पास के क्षेत्र में लगभग 1 किमी तक पुलिस फोर्स तैनात की जाती है.जानकार बताते हैं कि इस मामले में व्यक्ति को नोटिस भेजा जाता है और इस नोटिस का जवाब देने के लिए उसे समय भी दिया जाता है. यह समय कितना होगा ये बात पूरी तरह उक्त अथॉरिटी पर निर्भर करती है.
यूपी में चल रहा है बुलडोजर
बता दें कि 3 जून को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसा हुई थी. इसके बाद से योगी सरकार एक्शन में है. प्रयागराज से सहारनपुर तक बुलडोजर चलाया जा रहा है और आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो रही है. प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद पंप के घर पर 11 जून को बुलडोजर चलाया जा चुका है. बताया जा रहा है कि इसके बाद भी 36 अन्य उपद्रवियों के घर भी बुलडोजर चलाया जाना है.
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