क्या है Spoof Calling, कैसे पीएम के दफ्तर से कॉल कर देते हैं अपराधी?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 19, 2022, 07:21 AM IST

Spoof Calling.

साइबर क्राइम की घटनाएं हाल के दिनों में बढ़ी हैं. साइबर ठग फेक कॉलिंग के जरिए लाखों का हेरफेर कर रहे हैं.

डीएनए हिंदी: साइबर ठग लोगों को लूटने के लिए हर दिन नए-नए तरीके ईजाद करते रहते हैं. फेक कॉल के जरिए लोग लाखों लूटने की फिराक में रहते हैं. कई ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं जब दिग्गज हस्तियां भी स्पूफ कॉलिंग का शिकार हुई हैं. बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेज में शुमार जैकलिन फर्नांडीज भी स्पूफ कॉल का शिकार हो चुकी हैं.

साइबर अपराधियों के लिए स्पूफ कॉलिंग एक नया अस्त्र बन गया है. अपराधी प्रधानमंत्री या प्रधानमंत्री कार्यालय के मोबाइल नंबर से कॉल कर आपको लूट सकते हैं. स्पूफ कॉलिंग के मास्टर माइंड ऐसी जाल बिछाते हैं कि ठगे जाने वाले शख्स को जरा भी भनक नहीं लगती कि वह जालसाजों का शिकार बन चुका है. साइबर अपराधी अमेरिका में स्पूफ कॉल के जरिए 57 हजार करोड़ के बिटकॉइन चुरा चुके हैं. भारत में भी ऐसे कई मामले सामने आए जब किसी शख्स को उसके दोस्त के फोन नंबर से स्पूफ कॉल कर ठगों ने लाखों लूट लिए हों.

साइबर क्राइम अंडरवर्ल्ड का नया रूप है. सरकार इसे रोकने के लिए एक तरीका निकालती है तो साइबर अपराधी लोगों को ठगने का नया अस्त्र ढूंढ लेते हैं. ऐसा ही एक नया अस्त्र है स्पूफ कॉल. स्पूफ कॉल के जरिए साइबर अपराधियों ने बिटकॉइन रखने वाले लोगों को निशाना बना कर साल 2021 के अंत तक 770 करोड़ डॉलर चुरा लिए. भारतीय रुपयों में इसकी कीमत 57 हज़ार करोड़ है.

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क्या है स्पूफ कॉल?

ऐसे फोन कॉल को स्पूफ कॉल कहा जाता है जिसमें अपराधी जिसे कॉल करता है उस रिसीवर के फोन में जो नंबर दिखता है, उसे अपराधी तय करता है. कोई भी अपराधी किसी को खुद उस व्यक्ति के किसी रिश्तेदार के नंबर से कॉल कर सकता है, किसी दोस्त के नंबर से कॉल कर सकता है या फिर किसी सेलिब्रिटी के नंबर से भी कॉल कर सकता है. वह भी तब जब अपराधी के पास वो मोबाइल नंबर हो भी ना. यह खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि अपराधी आपके नंबर से कॉल करके किसी व्यक्ति को भी ठग सकते हैं. पीड़ित और पुलिस को लगेगा कि फोन आपने किया है.  

स्पूफ कॉलिंग के लिए ऐसे कई ऐप आते हैं जिसके जरिए स्पूफ किया जा सकता है. इसमें होता ये है कि उस ऐप में आप जिसका मोबाइल नंबर और नाम डालेंगे वही नाम और नंबर कॉल रिसीव करने वाले को दिखेगा. कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर भी यही करता था. उस ठग ने भी इसी स्पूफ कॉल के जरिए बॉलीवुड अभिनेत्रियों से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक केस में जेल में बंद बड़े बिजनेसमैन की पत्नी को ठगा था. सुकेस चंद्रशेखर ने बिजनेसमैन की पत्नी को देश के गृहसचिव के नंबर से कॉल किया था और करोड़ों ठगे थे.

गरीब जनता भी हुई है ठगी का शिकार

स्पूफ कॉल के जरिए सिर्फ अमीर ही नहीं बल्कि गरीब जनता भी ठगी गई है. गाजियाबाद में बाइक बनाने वाले चंद्र कुमार भी इसका शिकार हो चुके हैं. वह एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. नवंबर 2021 में दोस्त के नंबर से कॉल आया और अपराधी ने दोस्त बन कर कहा 20 हज़ार रुपये तुम्हारे खाते में डाल रहा हूं. अब नंबर दोस्त का था तो इन्हें भी सच लगा. 20 हज़ार आने की जगह 60 हज़ार चले गए. दोस्त से पूछा तो पता चला दोस्त ने कॉल किया ही नहीं था. तब से अब तक वह पुलिस थाने के चक्कर काट रहे हैं.

कैसे ध्वस्त हो स्पूफ कॉलिंग का नेटवर्क?

साइबर अपराधियों के नए अस्त्र कॉलिंग स्पूफ को ध्वस्त करना बेहद मुश्किल है. ऐसे फोन कॉल्स के ऑर्गेनाइजेशन का पता लगाना बेहद मुश्किल है. इंटरनेट पर कई वेबसाइट ऐसी हैं जो चंद पैसों के लिए स्पूफ कॉल की सुविधा देती हैं. उन्हें बैन करने की जरूरत है.

कैसे ठगी होने करें बचाव?

साइबर एंड टेक एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि आपका कोई अपना भी अगर आपको कॉल करे और पैसे मांगे और अगर आपको आवाज अलग लगे तो काल काट कर उसके नंबर पर कॉल करके वेरिफाई करें. अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो जाता है तो तुरंत साइबर सेल के पास शिकायत दर्ज करवाएं. साइबर फ्रॉड होने पर आप गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल  cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. 155260 पर कॉल करके आप अपनी मुश्किलें बता सकते हैं.

(शिवांक मिश्रा की रिपोर्ट)
 

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