क्या है Dark Web, कैसे अपराधी करते हैं इसका इस्तेमाल?

| Updated: Jan 01, 2023, 11:24 AM IST

Dark Web.

डार्क वेब ड्रग्स, हथियार, अंडरवर्ल्ड और अपराध की दुनिया का संगम है. यहां होने वाले अपराधों तक पुलिस भी नहीं पहुंच पाती है.

डीएनए हिंदी: इंटरनेट ने हमारी जिंदगी आसान बना दी है. कोविड-19 (Covid-19) प्रतिबंधों की वजह से जब लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए तब भी वर्चुअल सेमिनार हो रहे थे. इंटरनेट की दुनिया जितनी सहज है, उतनी खतरनाक भी है. डार्क वेब उसी खतरनाक दुनिया का हिस्सा है. डार्क वेब अपने आप में किसी रहस्यमयी शब्द जैसा लगता है लेकिन क्या है इसकी सच्चाई, आइए समझते हैं.

वर्चुअल वर्ल्ड की तेजी से बढ़ रही पहुंच ने ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में उछाल ला दिया है. इंटरनेट का जितना इस्तेमाल हम और आप करते हैं वह इस वर्चुअल वर्ल्ड का मजह 5 से 10 फीसदी हिस्सा है. इंटरनेट की एक बड़ी दुनिया है, एक बड़े हिस्से में हम नहीं पहुंच पाते हैं और उस दुनिया को कहा जाता है डार्क वेब.

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डार्क वेब में क्या होता है?

डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे हम ट्रैक नहीं कर सकते हैं. गूगल क्रोम, इंटरनेट एक्सप्लोरर, फायर फॉक्स जैसे ट्रेडिशनल वेब ब्राउजर के जरिए इन्हें कभी खोजा नहीं जा सकता है. इन्हें सिर्फ खास तौर से डिजाइन किए गए वेब ब्राउजर और सर्च इंजन के जरिए खोजा जा सकता है. डार्क वेब एक ऐसी जगह है जहां ड्रग्स, हथियार, अंडरवर्ल्ड, हैकिंग और अवैध गतिविधियां होती हैं.

क्या है डार्क वेब?

'डार्क वेब' इंटरनेट की आभासी दुनिया का अछूता हिस्सा है जिसे इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति एक्सेस नहीं कर सकता है. इसके जरिए कई अवैध गतिविधियां होती हैं, आम लोगों को ठगा जाता है और कई काले धंधे चलाए जाते हैं. वेब के जिस हिस्से का हम इस्तेमाल करते हैं उसे सर्फेस वेब कहते हैं. डार्क वेब सर्फेस वेब से बिल्कुल अलग है. डार्क वेब में कंटेंट को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है. डार्क वेब तक पहुंचने के लिए स्पेशल परमिशन की जरूरत होती है. माना जाता है कि दुनियाभर में हो रहे अवैध और गलत कामों की प्लानिंग यहीं होती है.

डार्क वेब की दुनिया की खबरों को बाहर लाने वाले मुखबिर भी इसका इस्तेमाल करते हैं. सरकारी-कॉर्पोरेट घोटालों का पर्दाफाश करने के लिए खोजी पत्रकार डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं. डार्क वेब का इस्तेमाल करना गैरकानूनी नहीं है. इसे कोई भी एक्सेस कर सकता है लेकिन डार्क वेब का इस्तेमाल गैरकानूनी कामों के लिए नहीं होना चाहिए.

अवैध कारोबार का अड्डा है डार्क वेब

लंदन के किंग्स कॉलेज के शोधकर्ता डेनियल मूर (Daniel Moore) और थॉमस रिड (Thomas Rid) ने 2016 में एक रिपोर्ट तैयार की थी. शोधकर्ताओं ने डार्क वेब पर 5,205 लाइव साइटों को देखा. इनमें से 2,723 वेबसाइट्स ऐसी थीं जहां गैरकानूनी काम चल रहा था. डार्क वेब पर पायरेसी जैसे अपराध बेहद आम हैं. डार्क वेब पर आने वाले लोग बंदूकें, ड्रग्स, फेक करेंसी खरीदते और बेचते हैं.

डार्क वेब के जरिए कोई दूसरे के नेटफ्लिक्स अकाउंट, क्रेडिट कार्ड नंबर को भी हैक कर सकता है. लोगों की प्राइवेसी में भी सेंध लगाई जा सकती है. डार्क वेब पर ऐसे कई सॉफ्टवेयर मौजूद हैं जिसके जरिए दूसरों के कंप्युटर को हैक किया जा सकता है. डार्क वेब सिर्फ अपराधियों के लिए नहीं है.

केवल बुरे कामों के लिए इस्तेमाल नहीं होता है डार्क वेब

डार्क वेब का अच्छा इस्तेमाल भी किया जा सकता है. यहां कुछ लापता चीजें भी खोजी जा सकती हैं. आप उन किताबों के ऑनलाइन वर्जन हासिल कर सकते हैं जो लंबे समय से प्रिंट नहीं हुए हैं. डार्क वेब पर मेन स्ट्रीम मीडिया की कई ऐसी रिपोर्ट्स भी पढ़ने को मिल सकती हैं जिन्हें हटा दिया गया है. डार्कवेब पर पॉलिटिकल रिपोर्टिंग के अनछुए किस्से भी देखने को मिल सकते हैं. हालांकि इसके इस्तेमाल में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है.

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