'खुला' से अलग हुए सानिया-शोएब के रास्ते, तलाक से कितनी अलग है ये प्रथा?

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Jan 21, 2024, 04:13 PM IST

सानिया मिर्जा और शोएब मलिक.

सानिया मिर्ज़ा के पिता ने शनिवार को खुलासा किया कि उनकी बेटी ने शोएब मलिक से खुला लिया था. दोनों के रास्ते अलग-अलग हैं.

डीएनए हिंदी: भारतीय टेनिस की सनसनी सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक एक-दूसरे से अलग हो गए हैं. शोएब मलिक ने सानिया मिर्जा को बिना तलाक दिए तीसरी शादी रचा ली है. उन्होंने पाकिस्तानी एक्ट्रेस सना जावेद से शादी कर ली है. कई दिनों से ऐसी अफवाहें चल रही थीं कि दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं. दोनों ने अपनी-अपनी तरफ से चुप्पी बरती लेकिन शनिवार को अचानकर शोएब मलिक ने धमाका कर दिया.

सानिया मिर्जा के पिता ने शनिवार को खुलासा किया कि उनकी बेटी ने शोएब मलिक को 'खुला' दिया है. सानिया मिर्जा ने कहा कि यह खुला है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता. अब जो लोग जानना चाहते हैं कि खुला क्या है, कैसे यह तलाक से अलग है. आइए एक्सपर्ट्स् से जानते हैं खुला क्या है.

क्या है खुला, क्या है इसका तरीका?
खुला विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विशाल अरुण मिश्र कहते हैं कि शरियत या इस्लामिक कानूनों में महिला को तलाक देने का अधिकार है. तलाक की कार्यवाही मुस्लिम पर्सनल लॉ के जरिए ही शासित होती है. मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत, आपसी सहमति से एक कपल अपनी शादी खत्म कर सकता है. इसके लिए खुला और मुबारत दो विधिया हैं. खुला में महिला के पास यह अधिकार होता है कि वह मेहर की रकम वापस देकर अपने पति से तलाक ले सकती है.

इसे भी पढ़ें- 'कुछ महीने पहले हो चुका था तलाक' , शोएब-सना की शादी पर सानिया मिर्जा ने तोड़ी चुप्पी

एडवोकेट हर्षिता निगम कहती हैं कि इस्लाम महिलाओं को तलाक के लिए अर्जी देने की आजादी देता है. वे अपनी मर्जी से शादी खत्म कर सकती हैं. हालांकि मुस्लिम पुरुषों के पास तलाक देने के असीमित अधिकार होते हैं लेकिन महिलाओं के अधिकार सीमित हैं. 

कैसे तलाक से अलग है खुला?
खुला का अधिकार केवल महिलाओं को है. एक महिला ही खुला देकर अपने पति को छोड़ सकती है. मुस्लिम पुरुष को तलाक लेना होता है. एक मुस्लिम पुरुष तीन बार तलाक-तलाक कहकर इकतरफा रिश्ता खत्म कर सकता है, हालांकि अब भारत में इसे असंवैधानिक कर दिया गया है. 

पर्सनल कानूनों पर नजर रखने वाले अधिवक्ता अनुराग के मुताबिक इस्लामिक कानून के मुताबिक अगर पति तलाक देता है तो पत्नी को इद्त की प्रकिया का पालन करना होता है. इद्दत की अवधि चार महीने और दस दिन होती है. इसके बाद पत्नी कहीं और शादी कर सकती है.

इसे भी पढ़ें- ​​​​​​​Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा से पहले बोले मोहन भागवत, 'पुरानी बातें छोड़कर यह आगे बढ़ने का समय'
​​​​​​​

क्यों जरूरी है इद्दत?
एडवोकेट हर्षिता निगम के मुताबिक इद्दत पीरियड इसलिए दिया जाता है कि जिससे यह पता चल सकते कहीं पत्नी गर्भवती है या नहीं. सुलह के लिए समय देने के लिए 'इद्दत' की अवधि रखी जाती है. अगर इद्दत की अवधि के दौरान पुरुष-स्त्री संबंध बना लेते हैं तो तलाक खत्म हो जाता है.

कब हुई थी सानिया-शोएब की शादी 
शोएब दुबई के नागरिक हैं. सानिया और शोएब की शादी अप्रैल 2010 में हुई थी. दोनों ने हैदराबाद में शादी रचाई थी. सानिया के सोशल मीडिया इस ओर इशारा करते थे कि उनके रास्ते शोएब से अलग हो रहे हैं लेकिन दोनों ने सीधे तौर पर कभी कुछ नहीं कहा. करीब 7 दिन पहले इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने इशारा किया था कि अगर आप किसी चीज को रोक नहीं सकते तो जाने देना चाहिए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.