DNA एक्सप्लेनर: क्या होती है R0 वैल्‍यू? क्या है Corona से कनेक्शन?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 02, 2022, 02:12 PM IST

R वैल्यू यानी रीप्रोडक्शन वैल्यू. इसके जरिए हमें पता चलता है कि कोरोना से इन्फेक्टेड एक व्यक्ति से कितने लोग और इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं.

डीएनए हिंदी: देश में कोरोना (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने भी टेंशन बढ़ा दी है. ताजा अपडेट के मुताबिक, भारत में ओमिक्रॉन (Omicron) के कुल मामलों की संख्या 1525 को पार कर गई है. इस नए स्ट्रेन के लक्षण भी पहले से थोड़े अलग हैं. इसके साथ ही भारत की R-naught या R0 वैल्‍यू भी बढ़नी शुरू हो गई है. यह वैल्‍यू 1 से ऊपर निकल गई है. 

क्या होती है R0 वैल्‍यू?

R0 वैल्‍यू एक मैथमेटिकल टर्म है. ये हमें किसी भी वायरस के संक्रामक दर के बारे में बताती है, यानी कोई वायरस कितना ज्यादा संक्रामक है. इसमें मामूली से मामूली बदलाव भी काफी मायने रखता है.
 
R वैल्यू यानी रीप्रोडक्शन वैल्यू. इसके जरिए हमें पता चलता है कि कोरोना से इन्फेक्टेड एक व्यक्ति से कितने लोग और इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं. ऐसे में आर नंबर या वैल्‍यू का 1 पर होना बेहद जरूरी है. 1 से ज्यादा R वैल्यू होने का मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं, वहीं अगर ये 1 से कम हो रही है तो इसका मतलब है कि केसेज घट रहे हैं.

दूसरी भाषा में समझें तो अगर 100 व्यक्ति इन्फेक्टेड हैं और वे 100 लोगों को और इन्फेक्ट करते हैं तो R वैल्यू 1 होगी, वहीं अगर वे 80 लोगों को इन्फेक्ट कर रहे हैं तो R वैल्यू 0.80 होगी. यानी केसेज कम होने के लिए R वैल्यू का 1 से कम होना बेहद जरूरी है.

हालांकि नीति आयोग के एक्‍सपर्ट वीके पॉल के अनुसार, भारत की R-naught या R0 वैल्‍यू अभी 1.22 है.  भारतीय एजेंसियों को पिछले कुछ हफ्तों में इस R वैल्‍यू में बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसका सीधा मतलब ये है कि अब केस घटने के बजाय तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं भारत के कुछ शहरों में R-naught वैल्‍यू 2 से ज्‍यादा पहुंच गई है. 

ऐसे में हमारा सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो गया है. जरूरी है कि हम इस महामारी के खतरे को समझें और कोरोना के नियमों का कड़ाई से पालन करें.

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