क्या होती है Y Security? विवेक अग्निहोत्री और कर्नाटक हाइकोर्ट के जजों को मिली है यह सुरक्षा 

Written By पुष्पेंद्र शर्मा | Updated: Mar 20, 2022, 04:51 PM IST

securities in india by government

केंद्र सरकार ने निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को पूरे भारत में सीआरपीएफ कवर के साथ 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है.

डीएनए हिंदी: Hijab विवाद पर फैसला सुनाने वाले 3 जजों को 'Y' कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. तीनों जजों को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद कर्नाटक के सीएम बासवराज ने जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है. हाल ही 'द कश्मीर फाइल्स' के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. केंद्र सरकार ने विवेक अग्निहोत्री को पूरे भारत में सीआरपीएफ कवर के साथ 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दी है. उन्हें पूरे भारत में CRPF कवर दिया जाएगा. 

कौन देता है सुरक्षा? 

गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में कहा था कि प्राथमिक तौर पर किसी को सुरक्षा प्रदान करना राज्य का मामला है. राज्य खतरे की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और सिक्योरिटी एजेंसीज के सहयोग से सुरक्षा प्रदान कर सकता है. हालांकि कई मौकों पर केंद्र ने खुद सुरक्षा प्रदान की है. फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद मुंबई पुलिस से खतरे की आशंका को देखते हुए गृह मंत्रालय ने वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था. वहीं हाल ही कुमार विश्वास को भी केंद्र ने वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी है. 

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भारत में कितने प्रकार की सिक्योरिटी? 
भारत में छह प्रकार के केंद्रीय सुरक्षा कवर हैं. एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड, जेड प्लस और एसपीजी. लगभग 600 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट वाला विशेष सुरक्षा समूह (SPG) केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है. एसपीजी की सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी प्रदान की जाती रही है. हालां​कि करीब तीन साल पहले इनकी सुरक्षा में कटौती कर जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है. 

कैसे मिलती है सुरक्षा? 
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को वीआईपीज को सुरक्षा प्रदान करने का काम सौंपा गया है. जबकि मंत्रियों को सरकार में उनकी स्थिति के कारण केंद्रीय सुरक्षा कवर मिलता है. निजी व्यक्तियों के लिए ऐसी सुरक्षा सीधे गृह मंत्रालय द्वारा खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर दी जा सकती है. 

क्या है एक्स श्रेणी सिक्योरिटी? 

दो व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी चौबीसों घंटे साथ रहते हैं. लगभग छह पीएसओ 8 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं. 

क्या है वाई सिक्योरिटी? 
वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत दो पीएसओ और एक सशस्त्र गार्ड चौबीसों घंटे निवास पर और रात में अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं. लगभग 11 (निवास के लिए 5 और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए 6) सुरक्षाकर्मी शिफ्ट वाइज ड्यूटी करते हैं. इनकी संख्या शिफ्ट के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है. 

क्या है वाई प्लस सिक्योरिटी? 
Y+ सुरक्षा कवर के तहत पांच कर्मी – एक सीआरपीएफ कमांडर और चार कांस्टेबल आवास पर तैनात होते हैं. छह व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) को तीन शिफ्टों में रोटेशन के आधार पर सुरक्षा के साथ तैनात किया जाता है. इसका मतलब है कि दो पीएसओ हर समय सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ होते हैं. 

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क्या है जेड सिक्योरिटी?
जेड सिक्योरिटी के तहत घर पर 2 से 8 सशस्त्र गार्ड, चौबीसों घंटे दो पीएसओ और रोड जर्नी के लिए 1 से 3 के आर्म्ड एस्कॉर्ट (हथियार के साथ सुरक्षाकर्मी) सहित लगभग 22 कर्मी शामिल होते हैं. 

क्या है जेड प्लस सिक्योरिटी?
Z श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था के अलावा, इस श्रेणी के तहत सुरक्षा पाने वालों को बुलेटप्रूफ कार, तीन शिफ्टों में एस्कॉर्ट और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है. इसमें लगभग 40 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. 

मार्च 2018 में लोकसभा में केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया के अनुसार, लगभग 300 लोगों को केंद्रीय सूची में विभिन्न श्रेणियों के तहत सुरक्षा प्रदान की जा रही थी.