डीएनए हिंदी: Karnataka Bribery Case- कर्नाटक में दो महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. पहले भाजपा विधायक मादल वीरुपक्षप्पा का पीसीएस बेटा बृहस्पतिवार रात को उनके ही ऑफिस में बैठकर रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ. इसके बाद शुक्रवार को उनके घर में हुई छापेमारी में 6 करोड़ रुपये की भारी नकदी बरामद हुई है. इससे एकतरफ भाजपा के 'भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के दावे' को धक्का लगा है, दूसरी तरफ सरकार पर लगातार ठेकों-टेंडरों में 40% कमीशन लेने का आरोप लगाने वाला विपक्ष अब और ज्यादा हमलावर हो गया है.
कौन हैं मादल वीरुपक्षप्पा और अब तक क्या हुआ है रिश्वतखोरी केस में, आइए ये सब 6 पॉइंट्स में जानते हैं.
1. भाजपा के दो बार के विधायक हैं मादल वीरुपक्षप्पा
मादल वीरुपक्षप्पा कर्नाटक के दावानगरी जिले की चन्नागिरी सीट से विधायक हैं. वे दूसरी बार विधायक बने हैं. पहली बार साल 2008 में उन्हें इस सीट पर जीत मिली थी, लेकिन साल 2013 में उन्हों कांग्रेस के वडनल राजन्ना ने हरा दिया था. इसके बाद साल 2018 के चुनावों में वे दोबारा जीतकर इस सीट से विधायक बने थे.
2. पांच साल पहले थी 5.73 करोड़ की संपत्ति, अब घर में 6 करोड़ कैश मिला
पांच साल पहले जब मादल वीरुपक्षप्पा दोबारा विधायक बने थे, तो उनकी संपत्ति बहुत ज्यादा नहीं थी. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, तब उन्होंने अपने नॉमिनेशन पेपर्स में अपनी संपत्ति महज 5.73 करोड़ रुपये की बताई थी. हालांकि अब उनके घर पर छापे में इससे ज्यादा तो नकदी ही बरामद हो गई है. उनके घर में 6.10 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं.
3. KSDL के चेयरमैन भी थे, दे दिया है आज इस्तीफा
58 वर्षीय विधायक अब तक राज्य सरकार की कंपनी कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड (KSDL) के भी चेयरमैन थे, जो मशहूर मैसूर सैंडल शॉप (Mysore Sandal Soap) बनाती है. इसी कंपनी के ठेकों से जुड़ी 40 लाख रुपये की रिश्वत चेयरमैन ऑफिस में बैठकर उनका बेटा प्रशांत मादल ले रहा था, जिसे बृहस्पतिवार रात को रंगेहाथ दबोचा गया. इस घटना के बाद शुक्रवार को मादल वीरुक्षप्पा ने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है, लेकिन उनके ऊपर शक किया जा रहा है, इसलिए वह KSDL के चेयरमैन पद को छोड़ रहे हैं.
4. KSDL के सप्लाई टेंडर से जुड़ा है रिश्वत मामला
कर्नाटक लोकायुक्त की टीम ने बृहस्पतिवार रात को एक ठेकेदार की शिकायत पर KSDL कैंपस में चेयरमैन ऑफिस पर छापा मारा था. ठेकेदार का आरोप है कि वीरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मादल ने उन्हें KSDL में सप्लाई से जुड़ा ठेका दिलाने के बदले 81 लाख रुपये की रिश्वत मांगी है. इस रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 40 लाख रुपये बृहस्पतिवार रात को दिए गए, जो चेयरमैन ऑफिस में बैठकर प्रशांत ने लिए. लोकायुक्त पुलिस की टीम को प्रशांत की मौजूदगी में दफ्तर से तीन बैग में भरे 40 लाख रुपये भी बरामद हो गए, जिनका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है. प्रशांत कर्नाटक राज्य प्रशासनिक सेवा का 2008 बैच का अफसर है और फिलहाल बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड (BWSSB) में चीफ अकाउंट ऑफिसर पद पर तैनात है.इससे पहले वो एंटी करप्शन ब्यूरो में वित्तीय सलाहकार थे. इस ब्यूरो को ही पिछले साल भंग करके लोकायुक्त बनाया गया था, जिसने यह कार्रवाई की है.
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5. विधायक के घर भी मारा गया छापा, वहां मिले 6 करोड़ नकद
लोकायुक्त पुलिस की टीम ने इसके बाद विधायक के घर पर भी छापा मारा. वहां से भी 6.10 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई. इसके अलावा प्रशांत मादल के निजी दफ्तर से भी 1.62 करोड़ रुपये की नकदी मिली है. विधायक के दफ्तर से भी 1.75 करोड़ रुपये की नकदी की खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है. इस मामले में अब तक 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद होने की पुष्टि हो चुकी है. प्रशांत, उनके अकाउंटेंट और तीन अन्य लोगों समेत कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 3 पर रिश्वत देने का आरोप है.
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6. आरोपी नंबर-1 हैं अब विधायक, हो गए हैं फरार
विधायक वीरुपक्षप्पा के घर से भारी नकदी की बरामदगी के बाद लोकायुक्त ने उन्हें इस मामले में आरोपी नंबर-1 बना दिया है. माना जा रहा है कि उनके बेटे ने उनकी जगह ही रिश्वत की रकम ली थी. हालांकि विधायक अब फरार हो गए हैं. उन्हें तलाश किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि विधायक ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
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