डीएनए हिंदी: Bhopal News- मध्य प्रदेश में धर्म से लेकर राजनीति तक अपनी घुसपैठ रखने वाले महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा फिर चर्चा में हैं. महिला भक्त से रेप के आरोप में भोपाल सेंट्रल जेल में बंद मिर्ची बाबा पर अन्य बंदियों ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया है. हमला 6 दिन पहले किया गया था, लेकिन मिर्ची बाबा के वकील का आरोप है कि जेल प्रशासन ने जानबूझकर इस घटना को छिपाए रखा. वकील ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए घटना की सीसीटीवी फुटेज प्रशासन से मांगी है. इन आरोपों के बाद एक बार फिर मिर्ची बाबा चर्चा में आ गए हैं.
टीवी चैनल बदलने को लेकर हुआ था विवाद
वकील के मुताबिक, मिर्ची बाबा के ऊपर 23 मई को दूसरे बंदियों ने टीवी चैनल बदलने को लेकर विवाद की आड़ में हमला किया. उन्होंने बताया कि हमले की जानकारी उन्हें तब मिली, जब वे जेल में मिर्ची बाबा से मिलने पहुंचे. मिर्ची बाबा के हाथ और सिर में चोट आई है. मिर्ची बाबा ने उन्हें बताया कि तीन-चार बंदियों ने टीवी चैनल बदलने के ऊपर बहस शुरू कर दी और फिर हमला कर दिया. जेल प्रशासन ने आरोपी बंदियों को दूसरी बैरक में शिफ्ट कर दिया है. उधर, इस मसले पर अब तक जेल प्रशासन ने कोई बयान नहीं दिया है.
कौन हैं मिर्ची बाबा, जो ऑयल मिल मजदूर से बने महामंडलेश्वर
मिर्ची बाबा का असली नाम राकेश दुबे है. मिर्ची बाबा मध्य प्रदेश के भिंड जिले के बिरखड़ी गांव निवासी अयोध्या प्रसाद के तीसरे नंबर के बेटे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अयोध्या प्रसाद मालनपुर के मंदिर में पुजारी थे. उनके चार बेटे हैं. साल 1997 तक राकेश दुबे ऑयल मिल में मजदूरी करते थे. इसके बाद अपनी 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीदा, जिसे चलाने में घाटा हो गया और ट्रक को बेचना पड़ा. इसके बाद राकेश दुबे गुजरात के अहमदाबाद जाकर एक निजी फैक्ट्री में काम करने लगा. अहमदाबाद में ही किसी साधु की संगत में आकर राकेश दुबे ने संन्यास ग्रहण कर लिया और नाम बदलकर वैराग्यनंद गिरी हो गया.
मिर्ची की धुनी जलाने से मिला मिर्ची बाबा नाम
स्वामी वैराग्यनंद गिरी के अपने भक्तों को मिर्ची की धुनी देने के कारण लोग धीरे-धीरे उन्हें मिर्ची बाबा कहने लगे. अलग-अलग जगह घूमकर भागवत कथा करने के दौरान मिर्ची बाबा के संपर्क कांग्रेस नेताओं से बढ़े. इसी दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के संपर्क में आया. यहीं से वह हाईप्रोफाइल साधु बन गया. जानकारों के मुताबिक, दिग्विजय ने ही मिर्ची बाबा को भोपाली की मिनाल रेजीडेंसी में लग्जरी बंगला दिलाया था. यहां से मिर्ची बाबा का जलवा ऐसा बढ़ा कि साल 2018 में पिता के निधन पर उसने 20 हजार लोगों को गांव में तेरहवीं भोज दिया था. इस भोज में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कई मंत्री और विधायक भी शामिल हुए थे.
कमलनाथ सरकार में बने राज्य मंत्री, दिग्विजय के हारने पर जल समाधि लेने की घोषणा
कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मिर्ची बाबा को एक निगम का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री दर्जा दिया गया था. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मिर्ची बाबा ने भोपाल लोकसभा सीट से दिग्विजय के जीतने की भविष्यवाणी की. जीत के लिए मिर्ची यज्ञ कराया. दिग्विजय की जीत की भविष्यवाणी करते समय मिर्ची बाबा ने कहा था कि यदि दिग्गी राजा हारे तो वह जल समाधि ले लेंगे. हालांकि दिग्विजय यह चुनाव हार गए. इसके बाद मिर्ची बाबा को जल समाधि नहीं लेने के मुद्दे पर बेहद मजाक उड़ाया गया.
इन बयानों से रहे विवाद में
- डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली के सिगरेट वाले पोस्टर को लेकर मिर्ची बाबा ने लीना मणिमेकलई की गर्दन काटने वाले के लिए 20 लाख रुपये इनाम की घोषणा की.
- मध्य प्रदेश की सरकारी गोशालाओं में घास न पहुंचने का आरोप लगाकर और गोहत्या के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर के बाहर अनशन की घोषणा की.
- केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लिए कहा, जब देश में रसोई गैस सिलेंडर 400 रुपये का था, तब स्मृति ईरानी सड़कों पर डांस करती थीं, अब 1,000 रुपये है तो चुप हैं.
- मिर्ची बाबा ने ही कहा था कि स्मृति ईरानी मंदिरों में पूजा करती हैं, जबकि उनकी बेटी गोवा में बीफ (गोमांस) बेचने का लाइसेंस लेकर घूम रही है.
महिला ने लगाया था रेप का आरोप
पिछले साल अगस्त में मिर्ची बाबा के खिलाफ भोपाल के महिला थाने में एक महिला ने रेप की FIR दर्ज कराई थी. आरोप था कि मिर्ची बाबा ने निसंतान महिला को झांसे में लेकर अपने आश्रम में उसके साथ रेप किया था. इसके बाद उन्हें धारा 376 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था. तब से वह जेल में ही बंद है. हालांकि मिर्ची बाबा इसे राजनीतिक कार्रवाई बताते रहे हैं.
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