कौन हैं Raaj Kumar Anand, जिन्होंने छोड़ दी AAP, बोले 'पार्टी में दलितों का सम्मान नहीं'

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Apr 10, 2024, 05:34 PM IST

Who is Rajkumar Anand: अरविंद केजरीवाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद का दिल्ली के दलितों, खासतौर पर जाटव समुदाय में खासा प्रभाव माना जाता है. वे पटेल नगर सीट से विधायक हैं.

Who is Rajkumar Anand: दिल्ली शराब नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Case) के कारण पहले ही संकट में फंसी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली में पार्टी के प्रमुख दलित चेहरे और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद ने पद से इस्तीफा दे दिया है. राजकुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही AAP का साथ छोड़ने का भी ऐलान किया है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के संयोजन वाली पार्टी में दलितों की अनदेखी का आरोप लगाया है, जो ऐन लोकसभा चुनावों के मौके पर आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. राजकुमार आनंद के घर पर भी नवंबर 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापा मारा था. राजकुमार का दिल्ली में दलितों, खासतौर पर जाटव समुदाय में खासा प्रभाव माना जाता है. 

'भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई आप' पार्टी छोड़ते समय बोले राजकुमार

राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. उन्होंने AAP पर भ्रष्टाचारी पार्टी होने का आरोप लगाया. आनंद ने कहा, 'राजनेता बदले हैं, लेकिन राजनीति नहीं बदली, भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जन्मी पार्टी (AAP) खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है. मेरे पास अब कोई वजह नहीं बची है कि मैं इस (मंत्री) पद पर काम करूं. मैं इस पार्टी और पद से इस्तीफा दे रहा हूं.' आनंद ने कहा, 'भ्रष्टाचार में फंसी AAP के पास शासन करने की नैतिकता नहीं बची है. मैं भ्रष्ट आचरणों में शामिल नहीं हो सकता.'

'दलितों को लेकर पार्टी की नीतियों से असहमत हूं'

राजकुमार आनंद ने दलित समुदाय को लेकर आम आदमी पार्टी की नीतियों पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, 'रिजर्वेशन तो संवैधानिक मजबूरी है, मगर जब बात प्रतिनिधित्व की आती है तो ये पार्टी पीछे हो जाती है. पार्टी में दलितों का सम्मान नहीं है. दलित विधायक-पार्षद और यहां तक कि मंत्री तक सम्मान नहीं है.' राजकुमार ने कहा, 'आप के 13 सांसद में एक भी दलित नहीं है. पार्टी के संगठन में कोई दलित नहीं है. पार्टी ने किसी राज्य का प्रभारी भी दलित को नहीं बनाया है. मैं पार्टी की इन नीतियों से असहमत हूं और मैं पार्टी के अंदर घुटन महसूस कर रहा था. अब इस्तीफा देकर मैं हल्का महसूस कर रहा हूं.' 

पटेल नगर से विधायक हैं राजकुमार

राजकुमार आनंद फिलहाल दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री का पद संभाल रहे थे. उन्होंने साल 2020 के विधानसभा चुनावों में पटेल नगर सीट से 61 फीसदी वोट हासिल कर चुनाव जीता था. अरविंद केजरीवाल के करीबियों में शामिल राजकुमार राजनीति में आने से पहले सफल बिजनेसमैन थे. वे बेकार पड़े फोम के तकिए बनाने से लेकर रेक्सिन लेदर उद्योग तक में सफल नाम माने जाते हैं.

ताले की फैक्टरी में मजदूरी कर पूरी की पढ़ाई

राजकुमार आनंद का परिवार बेहद गरीब था. राजनीतिशास्त्र में एमए की डिग्री ले चुके राजकुमार आनंद का बचपन अलीगढ़ में अपने नाना-नानी के पास बीता था. उनके नाना कबाड़ी का काम करते थे, लेकिन बहुत पैसा नहीं कमा पाते थे. इस कारण राजकुमार को बचपन में अपनी स्कूल फीस जुटाने के लिए ताला फैक्टरी तक में काम करना पड़ा था. थोड़ा बड़ा होने पर वे छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी फीस जुटाने लगे थे. राजकुमार आनंद की पत्नी वीणा आनंद भी साल 2013 से ही विधायक हैं. 

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