डीएनए हिंदी: Sabrina Siddiqui Profile- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के राजकीय दौरे पर हैं. वहां उनकी लोकप्रियता सिर चढ़कर बोल रही है, लेकिन कुछ लोग इस दौरे का विरोध भी कर रहे हैं. इन लोगों के सवालों को पीएम मोदी तक पहुंचाने का जरिया बनीं एक यूएस रिपोर्टर सबरीना सिद्दीकी, जिन्होंने व्हाइट हाउस (White House) में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय लोकतंत्र और मानवाधिकार हनन को लेकर पीएम मोदी से सवाल पूछा है. इसके बाद पीएम मोदी ने पूरी दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है, जिससे सबरीना सिद्दीकी बेहद चर्चा में आ गई हैं. आइए आपको बताते हैं सबरीना सिद्दीकी का भारत और पाकिस्तान से क्या कनेक्शन है?
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White House की कवरेज करती हैं सबरीना
सबरीना सिद्दीकी अमेरिका की वरिष्ठ पत्रकारों में से एक हैं. वे राजनीति कवरेज के लिए पहचानी जाती हैं. फिलहाल वॉल स्ट्रीट जर्नल न्यूजपेपर में व्हाइट हाउस रिपोर्टर के तौर पर काम करती हैं, जिसे अमेरिकी जर्नलिज्म में सबसे अहम पद माना जाता है.
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भारत और पाकिस्तान से है जन्म से कनेक्शन
सबरीना सिद्दीकी का जन्म से ही भारत और पाकिस्तान के साथ खास कनेक्शन है. दरअसल 8 दिसंबर, 1986 को वॉशिंगटन में जन्मी सबरीना के पिता जमीर भारत-पाक मूल के अमेरिकी नागरिक हैं. जमीर का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश पाकिस्तान में हुई थी. सबरीना की मां निशात सिद्दीकी पाकिस्तानी मूल की हैं और मशहूर शेफ हैं. वे निशात किचन के नाम से फूड रेस्टोरेंट भी चलाती हैं. सबरीना का एक भाई अनवर है, जो मेडिकल प्रैक्टिसनर के तौर पर काम करता है. सबरीना के बचपन के 10 साल रोम में बीते हैं, जहां उनके पिता तैनात थे.
पति और बच्ची के साथ रहती हैं वॉशिंगटन में
सबरीना सिद्दीकी फिलहाल वॉशिंगटन में अपने पति अली जाफरी और बेटी सोफिया के साथ रहती हैं. अली से उनकी लवमैरिज हुई थी. दोनों की मुलाकात डेटिंग एप पर साल 2016 में हुई थी. अली ने दो साल दोस्ती के बाद अक्टूबर, 2018 में उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया था. इसके बाद दोनों ने जुलाई, 2019 में मुस्लिम और ईसाई रीति-रिवाज से शादी की थी. अली जाफरी नेशन सिक्योरिटी इनोवेशन इंक में सीनियर रिसर्च एनालिस्ट हैं.
24 साल की उम्र में पत्रकारिता शुरू की
सबरीना 13 साल की उम्र से ही पत्रकार बनना चाहती थीं. इसी कारण उन्होंने उन्होंने अमेरिका में शिकागो की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के मेडिल स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से ग्रेजुएशन की थी. इसके बाद 24 साल की उम्र में सबरीना ने ब्लूमबर्ग न्यूज के लिए फ्रीलांस राइटर के तौर पर अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी. वॉल स्ट्रीट जर्नल पर अपलोड उनके प्रोफाइल के मुताबिक, 2019 में इस अखबार से जुड़ने से पहले सबरीना गार्जियन अखबार में काम करती थीं, जहां उन्होंने साल 2016 और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव भी कवर किए हैं. वे CNN के लिए पॉलीटिक्ल एनालिस्ट के तौर पर काम करने का साथ ही हफिंगटन पोस्ट व ब्लूमबर्ग के लिए भी पॉलीटिक्ल रिपोर्टर के तौर पर काम कर चुकी हैं. इसके अलावा वे सीएसबीएन, एमएसएनबीसी, बीबीसी व स्काई न्यूज के लिए भी न्यूज कॉन्ट्रिब्यूटर के तौर पर जुड़ी रही हैं.
ट्रंप के मुस्लिम बैन का किया था मुखर विरोध
साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव की कवरेज के दौरान सबरीना उस समय बेहद चर्चा में रही थीं, जब उन्होंने चुनाव लड़ रहे डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिम बैन कैंपेन का खुलकर विरोध किया था. उन्होंने चुनाव में रिपब्लिकन कैंडिडेट मार्को रूबियो के कैंपेन को ट्रंप पर तरजीह दी थी. साथ ही डेमोक्रेटिक कैंडिडेट हिलेरी क्लिंटन के कैंपेन का भी समर्थन किया था.
10 लाख डॉलर की है नेटवर्थ
सबरीना का नेटवर्थ करीब 10 लाख डॉलर है, जिसमें उनकी संपत्ति, बैंक बचत और आय शामिल है. उनकी आय का मुख्य स्रोत पॉलीटिक्ल रिपोर्टर के तौर पर कामकाज है. उन्होंने गार्जियन में काम करने के दौरान करीब 1.27 लाख यूएस डॉलर वेतन मिलता था, जिसके वॉल स्ट्रीट जर्नल में करीब दोगुना होने का अनुमान लगाया जाता है.
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