डीएनए हिंदीः यूक्रेन पर रूस (Russia) का हमला लगातार बढ़ता जा रहा है. अमेरिका (America) और ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. इसके बाद माना जा रहा था कि रूस के रूख में बदलाव आ सकता है लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. पश्चिमी देशों की धमकी के बाद भी रूस झुकने को तैयार नहीं है. रूस का साफ कहना है कि जब तक वह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेता तब तक यूक्रेन (Ukraine) पर उसकी कार्रवाई जारी रहेगी. इसी बीच उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने यूक्रेन में ‘नो फ्लाई जोन’ (No-Fly Zone) को लागू नहीं करने का फैसला लिया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की (volodymyr Zelenskyy) ने जमकर निंदा की है. सवाल उठ रहा है कि आखिर रूस से पश्चिमी देश और NATO जैसे संगठन क्यों डरते हैं?
रूस सबसे बड़ी परमाणु ताकत
अमेरिका और पश्चिमी देशों को रूस लगातार परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है. रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम है. आंकड़ों के मुताबिक रूस के पास 6255 परमाणु बम (Nuclear bomb) हैं, जबकि अमेरिका के पास 5550 परमाणु बम हैं. पश्चिमी देशों में ब्रिटेन की बात करें तो उसके पास सिर्फ 225 परमाणु बन हैं. वहीं फ्रांस के पास 290 परमाणु बम हैं.
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विश्व की दूसरी सबसे बड़ी वायुसेना रूस के पास
दुनियाभर में हवाई ताकत के मामले में रूस का स्थान अमेरिका के बाद दूसरा है. रूस के पास कुल 4173 विमान हैं, जिनमें 772 लड़ाकू, 739 अटैक, 445 ट्रांसपोर्ट, 552 ट्रेनर, 132 स्पेशल मिशन, 20 टैंकर, 1543 हेलीकॉप्टर और 544 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं.
रॉकेट इंजन के लिए अमेरिका रूस पर निर्भर
अमेरिका ने रूस पर कड़े कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. रूस ने अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में अमेरिका पर भी कड़ा प्रहार किया है. रूस ने अमेरिका को रॉकेट इंजन की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscomos) ने खुद इसकी जानकारी दी है. इतना ही नहीं इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में भी रूसी इंजन लगे हैं. ऐसे में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के सामने उसे रूस के बिना संचालित करना संभव नहीं है. ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देश अपनी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस पर निर्भर हैं.
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कच्चे तेल का बड़ा निर्यातक
रूस कच्चे तेल का बड़ा निर्यातक है. रूस हर साल कच्चे तेल, उर्वरक, प्राकृतिक गैस और रक्षा सामानों का निर्यात करता है. कच्चे तेल की कीमतें तय करने में रूस की अहम भूमिका है. रूस हर साल 65 लाख बैरल तेल का निर्यात करता है. रूस दुनिया में 17 फीसदी प्राकृतिक गैस का उत्पादन करता है. वहीं दुनिया में नाइट्रोजन खाद का 15 फीसदी कारोबार रूस से होता है जबकि पोटाश फर्टिलाइजर निर्यात में रूस की 17 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. पश्चिमी देश इसके लिए रूस पर ही निर्भर हैं.
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