डीएनए हिंदीः भारत के कई राज्यों में कोरोना (Corona) के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन राज्यों को चिट्ठी लिखी. देश के दो राज्यों में कोरोना का नया वेरिएंट (XE Variant) मिलने के बाद चिंता और बढ़ गई है. कुछ शहरों में स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आए हैं. कोरोना के मामले बढ़ने का आखिर कारण क्या है? नया वेरिएंट लोगों के लिए कितना खतरनाक साबित होगा? इसे लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं.
फिर क्यों बढ़ने लगे केस?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस में इस तरह फ्लक्चुएशन होता रहेगा. अब हमारी ज्यादातर आबादी इम्यून हो चुकी है. केस बढ़ते और घटते रहेंगे. हालांकि अगर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है तो यह चिंताजनक हो सकता है. फिलहाल इसकी संभावना नजर नहीं आती है. तीसरी लहर के दौरान जब ओमिक्रोन के मामले सामने आ रहे थे तब भी ऐसी ही स्थिति देखी गई थी.
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नया वेरिएंट कितना खतरनाक?
नए वेरिएंट को लेकर लोगों के मन में काफी सवाल हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब भी कोई नया वेरिएंट आता है तो वह संक्रामक ज्यादा होता है. संक्रमण की दर अधिक होना और वायरस जानलेवा होना, दोनों अलग चीजें हैं. जो नया वेरिएंट आया है वह ओमिक्रोन का ही एक रूप है. अभी तक ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि यह कितना खतरनाक है. हालांकि जहां भी इस वेरिएंट के केस सामने आए हैं वो बहुत सीवियर है.
बच्चों के लिए कितना खतरनाक?
हाल ही में नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद उन्हें बंद कर दिया गया. देशभर में बच्चों का टीकाकरण चल रहा है, स्कूल भी खुल गए लेकिन बच्चों में भी केस सामने आए हैं. इसे लेकर परिजनों में भी चिंता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे मामले सामने आते रहेंगे. वैक्सीन से गंभीर बीमारी और मौत को रोका जा सकता है लेकिन वैक्सीन लेने के बाद किसी को कोरोना ना हो ऐसा संभव नहीं है. हां राहत भरी बात यह है कि बच्चों में गंभीर बीमारी होती ही नहीं है. आईएमसीआर के सीरो सर्वे में भी सामने आया था कि 60 फीसदी बच्चे कोरोना के संक्रमित हो चुके हैं.
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