डीएनए हिंदी: टोंगा (Kingdom of Tonga) में हुए ज्वालामुखी विस्फोट (Volcano Blast) ने दुनियाभर में सुर्खियां बिटोरी हैं. ऐसे कम मौके आए हैं जब टोंगा साम्राज्य का नाम वैश्विक मंच पर सुर्खियों में आया हो. 15 जनवरी 2022 को अचानक टोंगा के समुद्री हिस्से में पानी के अंदर भीषण ज्वालामुखी (Volcano) विस्फोट हुआ, जिसके बाद दुनिया के कई देशों में ज्वालामुखी पर बहस शुरू हो गई.
टोंगा में हुआ यह धमाका इतना तेज था कि आवाज अलास्का (Alaska) तक सुनी गई. विस्फोट से उफने समुद्री तूफान ने जापान (Japan) और अमेरिकी तटीय क्षेत्रों में भी बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा कर दीं. टोंगा के मैंगो और फोनोई इलाके में भीषण तबाही मची. संयुक्त राष्ट्र (United) के मुताबिक इस देश की 80 फीसदी आबादी विस्फोट से प्रभावित हुई है.
दुनियाभर से इस देश में मदद भेजी जा रही है. ज्वालामुखी विस्फोट से समुद्र में सुनामी (Tsunami) की भयंकर लहरें उठीं, जिन्होंने अमेरिका के पश्चिमी तट तक तबाही मचाई. विस्फोट से वायुमंडल में ऐसी भूकंपीय तरंगें पैदा हुईं जो जल्द ही दुनियाभर में फैल गईं. अब लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर ज्वालामुखी कैसे बनते हैं और क्यों इसकी वजह से भयंकर विस्फोट होता है?
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क्या है ज्वालामुखी?
ज्वालामुखी धरती के अंदर दबी पहाड़ जैसी संरचनाएं हैं. पृथ्वी की भीतरी सतह पर इसके दरारों से गर्म लावा, गैस और राख बाहर निकलती रहती है. धरती के कई हिस्सों में ज्वालामुखी हैं लेकिन इनमें विस्फोट की घटनाएं कम देखने को मिलती हैं. कुछ सक्रिय ज्वालामुखी हैं कुछ सुषुप्त.
ज्वालामुखी के भीतर से गैस, राख, तरल पदार्थ और लावा ऊपरी हिस्से तक पहुंचता है. ऐसा कई बार प्लेटों के परिवर्तन की वजह भी होता है. अगर जमीन से लगातार ऐसे पदार्थ निकल रहे हों या कुछ दिन पहले ही निकलना बंद हुआ हो तो ऐसी जगहें सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र में आती हैं.
जमीन पर नजर आने वाला हिस्सा मैग्मा (Magma) कहलाता है. जैसे ही यह जमीन पर पहुंचता है लावा (Lava) कहलाता है. ज्वालामुखी से निकलने वाले पदार्थों में कई तरह के गैस, नाइट्रोजन और सल्फर कंपोनेंट्स, क्लोरीन, हाइड्रोजन और दूसरे पदार्थ होते हैं. लावा तरल रूप में होता है.
क्यों होता है ज्वालामुखी विस्फोट?
विस्फोट की अलग-अलग वजहें होती हैं. अगर ज्वालामुखी का लावा किसी तरह से पानी के भीतर पहुंचता है तो ज्वालामुखी विस्फोटक हो जाता है. ज्वालामुखी से लावा किसी फव्वारे की तरह बाहर आता है. यह विस्फोटक होता है. ज्वालामुखी में विस्फोट का दूसरा कारण मैग्मा का पिघलकर सतह पर आना है. मैग्मा तब बनता है जब पृथ्वी का मेंटल (Mantle) पिघलता है. मेंटल पिघलने की एक वजह टेक्टोनिक प्लेटों (Tectonic Plates) का टकराव भी है.
मैग्मा हल्का होता है. यही वजह है कि जैसे ही मैग्मा ऊपर की ओर उठता है उसके भीतर गैस के बुलबुले बनने लगते हैं. बहता मैग्मा लावा के तौर पर सतह के ऊपर बहने से पहली भू-पर्पटी (Earth's Crust) पर कई छिद्रों के जरिए फूटता रहता है. अगर मैग्मा का आकार बहुत सघन है तो गैस के तौर पर बुलबुले बाहर नहीं निकल पाते हैं. मैग्मा की परत अगर मोटी है तो धरती के भीतर दबाव भी बढ़ता है. जब धरती के भीतरी हिस्से में मैग्मा का दबाव ज्यादा बढ़ जाता है तब विस्फोट होता है. यह खतरनाक और विध्वंसक होता है.
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