डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) की ओर से दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत की नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से अब तक 2021 तक कुल 8,81,254 भारतीय नागरिकों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी.
साल 2020 में प्रकाशित, ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक को-ऑपरेशन ऐंड डेवलपमेंट (OECD) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, OECD के 38 देशों में 30 लाख से ज्यादा ऐसे प्रवासी भारतीय रह रहे थे जो प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं.
यह भी पढ़ें- बड़ी फौज, हथियारों का अंबार, फिर भी यूक्रेन को हरा क्यों नहीं पा रहा रूस?
हर साल नागरिकता छोड़ देते हैं लाखों भारतीय
तत्कालीन गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया था कि 1 जनवरी 2015 से 21 सितंबर 2021 के बीच कुल 8,81,254 लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं. विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत के कुल 1,33,83,718 लोग दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा 2,56,476 लोग अमेरिका में, 91,429 लोग कनाडा में, 86,933 लोग ऑस्ट्रेलिया में और 66,193 लोग यूनाइटेड किंगडम में रह रहे हैं.
यह भी पढ़ें- Honeytrap: हुस्न के जाल में फंस जाते हैं सेना के अधिकारी, जानिए क्या है यह खेल
The Quint की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अर्थशास्त्री श्रुति राजगोपालन कहती हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण है कि भारत का एजुकेशन सिस्टम ऐसा है जो सबसे अच्छे और सबसे मेधावी कैंडिडेट्स को चुनता है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी नियंत्रित अर्थव्यवस्था है और इसमें अपने ही सबसे मेधावी और सबसे अच्छे कैंडिडेट्स के लिए मौके नहीं होते हैं.
शिक्षा के साथ बढ़ती बेरोजगारी है पलायन की बड़ी वजह
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि शिक्षा का स्तर बढ़ने के साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ जाती है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2021 तक पांच में से एक ग्रेजुएट छात्र बेरोजगार था. ग्रेजुएट बेरोजगारों का प्रतिशत साल 2017 में 12.7 था, जबकि 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 13.2 प्रतिशत हो गया.
यह भी पढ़ें- QUAD क्या है, इस संगठन की ताकत से इतना क्यों चिढ़ता है चीन?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेश में काम के घंटों, वर्क कल्चर और काम के दौरान मिलने वाला माहौल भारत की तुलना में काफी बेहतर है. इसके अलावा, नौकरी में स्थिरता, जीवनशैली का स्तर और अच्छी सैलरी भी देश छोड़ने के बड़े कारणों में से हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश में जाकर बसे भारतीय नागरिकों में से 59 पर्सेंट ऐसे हैं, जो अपने करियर की वजह से विदेश गए.
इसके अलावा, महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित जीवन, बेहतर अर्थव्यवस्था, कम प्रदूषण, बेहतर जलवायु, प्रकृति का अच्छा स्तर, बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर मौके, बेहतर हेल्थकेयर सिस्टम और जीवन का अच्छा स्तर भी भारत से पलायन का अहम कारण है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.