डीएनए हिंदी: पाकिस्तान और ईरान में जंग के आसार बन गए हैं. दोनों देश एक-दूसरे पर कहर बरपा रहे हैं. पाकिस्तान वायु सेना का दावा है कि गुरुवार को ईरानी क्षेत्र के अंदर स्थित कई बलूच अलगाववादी शिविरों पर हवाई हमले किए. पाकिस्तानी वायुसेना का कहना है कि जिन इलाकों में पाकिस्तान ने बम बरसाए हैं, वे बलूच आतंकियों के ठिकाने हैं. पाकिस्तान अरसे से इन्हें तबाह करना चाहता है.
पाकिस्तान ने ईरान के सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लिया है. पाकिस्तान का कहना है कि ईरान के भड़काऊ हमलों का जवाब देने का अधिकार उसे है, इसी वजह से काउंटर अटैक किया है. ईरान ने कहा है कि पाकिस्तानी जमीन पर आतंकी सक्रिय हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाया है. पाकिस्तान का कहना है कि इन हमलों में आम नागरिक घायल हुए हैं.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने ईरानी समकक्ष के साथ फोन पर बातचीत में कहा है कि यह हमला पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है. दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय कानून और द्विपक्षीय संबंधों की भावना टूट गया है.
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पाकिस्तान ने ईरान से बुलाए अपने राजदूत
पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया है. ईरानी हवाई हमले के बाद तेहरान के दूत को इस्लामाबाद लौटने से रोक दिया. ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने जोर देकर कहा है कि उनके देश के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में ईरानी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल को निशाना बनाया था.
स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच से उन्होंने कहा, 'मित्र और भाईचारे वाले देश पाकिस्तान के किसी भी नागरिक को ईरानी मिसाइलों और ड्रोनों द्वारा निशाना नहीं बनाया गया.'
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क्यों ईरान ने पाकिस्तान पर बोला है हमला?
दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में एक ईरानी पुलिस स्टेशन पर घातक हमला हुआ था. ईरानी गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने इस हमले के लिए जैश अल-अदल को जिम्मेदार ठहराया है. ईरान का कहना है कि पंजगुर के पास पाकिस्तान की ओर से पहले हमला बोला गया. ईरान ने जवाबी कार्रवाई की है.
क्या है जैश अल-अदल?
जैश अल-अदल को इंसाफ की फौज के नाम से भी जानते हैं. यह एक एक सुन्नी आतंकवादी गुट है जो 2012 में उभरकर सामने आया था. पाकिस्तान में यह गुट मजबूत स्थिति में है. ईरान इस गुट से खतरा महसूस करता है. ईरान सीमावर्ती इलाकों में इसी गुट से जूझता है. यही वजह है कि जैश अल अदल के ठिकानों को निशाना बनाकर हमला बोला गया है. पाकिस्तान इस आतंकी संगठन का बचाव कर रहा है.
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दोस्त कैसे बन गए दुश्मन?
पाकिस्तान और ईरान अगर किसी सुलह वार्ता पर नहीं पहुंचे तो दोनों देशों के बीच दुश्मनी भड़क जाएगी. ईरान और पाकिस्तान करीब 959 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. इसके ज्यादातर हिस्से सिस्तान-बलूचिस्तान में पड़ते हैं. यहां ईरान के सुन्नी अल्पसंख्यक शिया-प्रभुत्व वाले शासन से भेदभाव और दमन का सामना करते हैं. ईरान ने पाकिस्तान पर सीमा पार हमलों के लिए जिम्मेदार जैश-अल-अदल जैसे आतंकवादी समूहों को पनाह और समर्थन देने का आरोप लगाया है.
टूट जाएगी दशकों पुरानी दोस्ती
ईरान पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई की धमकी पहले भी दे चुका है. पाकिस्तान ईरान के आरोपों को एक सिरे से खारिज कर रहा है. पाकिस्तान का कहना है कि इस इस्लामिक देश की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान ईरान करे. ईरान और पाकिस्तान के बीच क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता भी बढ़ रही है. दोनों देशों के बीच चले आ रहे व्यापारिक, रक्षा और कूटनीतिक समझौते भी खतरे में पड़ते नजर आ रहे हैं.
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