डीएनए हिंदीः फ्रांस (France) में राष्ट्रपति चुनाव में अब हिजाब का मुद्दा गर्माने लगा है. दक्षिण पंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन (Marine Le Pen) ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जिसमें पश्चिमी यूरोप की सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम की है. फ्रांस में कई मुसलमानों को लगता है कि राष्ट्रपति अभियान ने उनके विश्वास को कलंकित किया है. हिजाब जो मुस्लिम महिलाएं पहनती है उन्हें यह बात खटकने लगी कि क्या वाकई में उनके कपड़ों को राजनीति का हिस्सा बनना चाहिए? इस सवाल को एक चुनावी प्रचार के दौरान किसी मुस्लिम महिला ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) और उनकी प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मरीन ले पेन से पूछा.
वहीं किसान बाजार में एक महिला ने ला पेन से पूछ लिया कि हिजाब उनके लिए इतना विवादास्पद क्यों है ? ला पेन ने अपनी बात को जायज़ ठहराते हुए कहा कि हिजाब एक यूनिफार्म है जिसे ज़बरदस्ती कट्टरपंथी इस्लामियों पर थोप दिया गया. ला पेन को कई बार हिजाब को लेकर विरोध का सामना पड़ा तो उस महिला ने भी जवाब देते हुए कहा कि यह हिजाब उनके लिए दादी मां होने की निशानी है. उन्होंने हिजाब तब पहनना शुरू किया जब वह बुज़ुर्ग हो गई थी. महिला ने यह भी दावा पेश किया कि उनके पिता 15 साल फ्रांस की सेना में कार्यरत थे.
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एक डिबेट के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने ला पेन के हिजाब वाले बयान से दूरी बनाते हुए यह भी कहा कि वो किसी कानून में बदलाव नहीं करेंगे. उन्होंने धर्मनिरपेक्ष फ्रांसीसी सिद्धांतों के हिस्से के रूप में स्कूलों में हिजाब पर मौजूदा प्रतिबंध का बचाव किया. अपने कार्यकाल में macron को कई फैसलों के चलते दुनियाभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी. ला पेन ने तो सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने वालों पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वाला जुर्माना लगाने की भी बात कही थी.
गौरतलब है कि 24 अप्रैल को फ्रांस में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने जा रहे हैं जिसमे दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन और Emmanuel Macron के बीच कड़ी टक्कर होने जा रही है.
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