डीएनए हिंदी : 22 मार्च को वर्ल्ड वॉटर डे(World Water Day) है पर क्या आपने कभी सोचा है, बाहर दुकानों में पानी की जो बोतल बीस रूपये में मिलती है, वह बड़े होटलों और रेस्त्रां में अधिक क़ीमत में क्यों मिलती है? क्या होटल और रेस्त्रां मालिक आम लोगों को यह अधिक क़ीमत में बेचकर धोखा देते हैं? अगर आपके मन में भी है यह सवाल तो यह आर्टिकल आपकी ख़ास मदद कर सकता है.
होटल और रेस्त्रां मालिकों को हक़ है कि वे MRP से अधिक दाम में बेचें
2017 में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के अनुसार रेस्त्रां और होटल मालिक पैकेज्ड खाद्य या पेय पदार्थ के मामले में मैक्सिमम रिटेल प्राइस या एमआरपी(MRP) से नहीं बंधे होते हैं. सरकार इस मामले में प्रतिवादी थी जबकि यह याचिका फेडरेशन ऑफ़ होटल एन्ड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ़ इंडिया (FHRAI) द्वारा दायर की गई थी. सरकार का कहना था कि प्री-पैकेज्ड खाने-पीने की चीज़ों को एम आर पी से अधिक पर बेचना क़ानूनी अपराध है, जिसकी वजह से 25,000 रूपये जुर्माना या फिर जेल की सज़ा हो सकती है.
अपना फ़ैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट की रोहिंटन नरीमन बेंच ने अपना फ़ैसला देते हुए साफ़ किया था कि इस अपराध की जद में होटल और रेस्त्रां नहीं आते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यह सीधा मामला नहीं है. कोई भी होटल केवल एक बोतल मिनरल वॉटर लेने के लिए नहीं जाता है.
अन्य जगहों पर एमआरपी से अधिक क़ीमत वसूलना है अपराध
रेस्त्रां और होटल में पैकेज्ड फ़ूड और ड्रिंक आइटम की क़ीमत अवश्य एमआरपी(MRP) से अधिक हो सकती है पर लीगल मीटरोलॉजी एक्ट(Legal Metrology Act) के सेक्शन 36 के मुताबिक़ कोई भी सामान जिसका एक तय मूल्य है उसे एमआरपी(MRP) से अधिक पर बेचना अपराध है. पहली बार आरोपी पर 25,000 रूपये का ज़ुर्माना लग सकता है. यह अपराध दुहराने पर जुर्माना बढ़कर 50,000 तक हो सकता है. इसे बार-बार करने पर एक लाख रूपये ज़ुर्माना , एक साल की जेल या फिर दोनों सज़ा हो सकती है.