काजोल की बेटी को गोरेपन के लिए किया गया ट्रोल, गोरेपन के पीछे दीवाना भारत ...

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 30, 2021, 08:06 PM IST

न्यासा के द्वारा तस्वीर शेयर करते ही लोग ख़ूब सारी बातें बनाने लगे. कई लोगों ने यह भी लिखा कि यह इतनी गोरी कैसे हो गयी

डीएनए हिन्दी : काजोल की बेटी न्यासा अपने दोस्त के साथ डिनर के लिए बाहर गयी थीं. उन्होंने अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की. शेयर करते ही लोग ख़ूब सारी बातें बनाने लगे. कई लोगों ने यह भी लिखा कि यह इतनी गोरी कैसे हो गयी? यह पहले बार नहीं है जब गोरेपन को लेकर किसी प्रसिद्ध लड़की या महिला को निशाना बनाया गया हो. इससे पहले शाहरुख खान की बेटी सुहाना को इन्टरनेट पर उनके स्किन के रंग के लिए ट्रोल किया गया था.

राधिका आप्टे, बिपाशा बासु और नंदिता दास सरीखी अभिनेत्रियों ने भी झेला है इसे

कई फ़िल्मों में शानदार अभिनय कर चुकीं राधिका आप्टे कहती हैं कि उन्हें कई बार अपने त्वचा के रंग की वजह से अजीबोग़रीब टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है. शिल्पा शेट्टी खुले आम अपनी स्किन टोन से जुड़ी हुई फ्रस्ट्रेशन का ज़िक्र कर चुकी है. विपाशा बासु ने यहाँ तक लिखा है कि उन्हें सुपर मॉडल कॉन्टेस्ट जीतने पर भी यही कह कर कॉम्प्लीमेंट किया गया था कि "डस्की गर्ल फ्रॉम कोलकाता विन्स." नंदिता दास अपने साथ हुए भेद-भाव का ज़िक्र कई बार कर चुकी हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा महसूस होता है जैसे हमलोग रंगभेद के शिकार हों. लोग कई बार कहते हैं कि वह गोरी है, जैसे सांवला होना कोई अपराध हो.

बॉलीवुड ने बढ़ावा दिया है गोरेपन के बुखार को

कई नामचीन मॉडल और फ़िल्म अभिनेत्रियाँ गाहे-बगाहे उन एड फिल्म्स में नज़र आ जाती हैं जो स्किन फेयरनेस की गारंटी देते हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ 2025 तक भारतीय कॉस्मेटिक मार्केट 20 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. इसमें से बड़ा प्रतिशत फेयरनेस प्रॉडक्ट को जाता है. बॉलीवुड ने गोरी, चिट्टी जैसे शब्दों से लबालब डायलॉग और गानों के साथ गोर रंग के लिए चाह को हवा ही दी है.

इन अभिनेत्रियों ने करवाया है फेयर स्किन ट्रीटमेंट

काजोल, प्रियंका चोपड़ा, विपाशा बासु जैसी कई अभिनेत्रियों ने कथित रूप से फ़िल्म इंडस्ट्री और भारत में गोर रंग की दीवानगी के आलम में फिट होने के लिए स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट करवाया है. कहा जाता है कि रेखा ने भी अपनी त्वचा के रंग को हल्का करवाया है.

कितनी उचित है गोरे रंग के लिए दीवानगी

इस वक़्त पूरी दुनिया में नस्ल भेद और रंग भेद के ख़िलाफ़ आवाजें उठ रही हैं. सभी रंग के प्रति एक सहृदयता स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. कई कैंपेन चल रहे हैं. डार्क इज़ ब्यूटीफुल कैंपेन भारतीय परिवेश में गोरेपन के प्रति दीवानगी पर सवाल उठाता है और सभी स्किन टेक्सचर के सम्मान की बात करता है.

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